भारतीय वायु सेना आज चार चिनूक हेलीकॉप्टरों की पहली इकाई शामिल हो गई है। अमेरिकी कंपनी बोइंग की ओर से बनाया गया चिनूक CH47I करीब 11 हजार किलो तक के हथियार और सैनिकों को आसानी से उठाने में सक्षम, साथ ही ऊंचाइयों पर भी उड़ान भरने वाला अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर है।
चंडीगढ़ में चिनूक हेलीकॉप्टरों के प्रेरण समारोह में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा, देश के सामने कई सुरक्षा चुनौतियां हैं, हमें एक विविध इलाके में ऊर्ध्वाधर लिफ्ट क्षमता की आवश्यकता है। चिनूक को भारत के विशिष्ट संवर्द्धन के साथ खरीदा गया है, यह एक राष्ट्रीय संपत्ति है।
चिनूक हेलीकॉप्टर की खूबियां बताते हुए बीएस धनोआ ने कहा, चिनूक हेलीकॉप्टर न केवल दिन में बल्कि रात के दौरान भी सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं, असम में पूर्व के लिए एक और इकाई बनाई जाएगी। चिनूक का इंडक्शन एक गेम चेंजर होगा जिस तरह से राफेल लड़ाकू बेड़े में शामिल होने जा रहा है।
सीएच-47 चिनूक एक एडवांस्ड मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है, जो भारतीय वायुसेना को बेजोड़ सामरिक महत्व की हेवी लिफ्ट क्षमता प्रदान करेगा। यह मानवीय सहायता और लड़ाकू भूमिका में काम आएगा। उंचाई वाले इलाकों में भारी वजन के सैनिक साज सामान के परिवहन में इस हेलीकॉप्टर की अहम भूमिका होगी।
भारतीय वायुसेना के बेड़े में अब तक रूसी मूल के भारी वजन उठाने वाले हेलीकॉप्टर ही रहे हैं। लेकिन पहली बार वायुसेना को अमेरिका निर्मित हेलीकॉप्टर मिलेंगे। चिनूक बहुउद्देशीय, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलीकॉप्टर है जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईधन ढोने में किया जाता है।
इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है। राहत सामग्री पहुंचाने और बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में भी इसका उपयोग किया जाएगा।