छठ की पूजा ‘ठेकुआ’ के बिना अधूरी, क्यों ये प्रसाद के लिए है जरूरी?
छठ पूजा में बहुत से पकवान छठी मैया के लिए बनते हैं, लेकिन कहा जाता है कि बिना ‘ठेकुआ’ के छठ पूजा अधूरी होती है
क्या बिना ठेकुआ के हो सकती है छठ पूजा? क्या है इसका महत्व
यह पर्व 4 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है और चौथे दिन सूर्य को जल देकर छठ पूजा का समापन होता है
छठ पर्व के दौरान बहुत से पकवान बनते हैं
जैसे खरना के दिन गुड़ और चावल की खीर बनती है, इसके अलावा कई तरह की सब्जियां बनाई जाती हैं, लेकिन एक चीज जो सबसे खास है वो है ठेकुआ
छठ का नाम आते ही मुंह से ठेकुआ का नाम जरूर आता है, क्योंकि प्रसाद में खासतौर पर इसे रखा जाता है
ठेकुआ को छठी मैया के साथ -साथ सूर्य देवता को भी चढ़ाया जाता है, ठेकुआ का प्रसाद गेहूं के आटे, गुड़ और सूजी से बना होता है