अगस्ता वेस्टलैंड रिश्वत मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी समेत 34 आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दिया है। आरोपियों में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के अवाला उनके रिश्तेदार, वकील गौतम खेतान और इटली के दो मध्यस्थ भी शामिल हैं। इसमें से एक बिचौलिए जेम्स क्रिस्टियन माइकल को ईडी ने प्रत्यर्पण के सबूत के तौर पर पेश किया है। यह सप्लीमेंट्री चार्जशीट विशेष लोक अभियोजनक एनके मट्टा द्वारा कोर्ट में दाखिल की गई। प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट में कहा है कि पैसों का लेनदेन कई विदेशी कंपनियों के माध्यम से हुआ।
भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ साल 2010 में किए गए 3 हजार 600 करोड़ रुपये के करार को जनवरी 2014 में भारत सरकार ने रद्द कर दिया। इस करार में 360 करोड़ रुपये के कमीशन के भुगतान का आरोप लगा। कमीशन के भुगतान की खबरें आने के बाद भारतीय वायुसेना को दिए जाने वाले 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के करार पर सरकार ने फरवरी 2013 में रोक लगा दी थी। जिस वक्त करार पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया उस वक्त भारत 30 फीसदी भुगतान कर चुका था और तीन अन्य हेलीकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी।
वीवीआईपी हेलीकॉप्टर बिक्री में गलत ‘अकाउंटिंग’ और भ्रष्टाचार करने को लेकर फिनमेकानिका के पूर्व प्रमुख गुसेप ओर्सी को साढ़े चार साल कैद की सजा सुनाई गई है। इतालवी रक्षा एवं एयरोस्पेस कंपनी ने 3,600 करोड़ रुपये में 12 चॉपर की डील की थी, जिसमें भ्रष्टाचार को लेकर मिलान की अपीलीय अदालत ने 2014 के पिछले अदालती आदेश को पलट दिया।
बिचौलिए जेम्स को दुबई से भारत लाने की तैयारी
भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक जेम्स को भारत लाने की कोशिश पिछले साल से ही जारी है। इस बारे में सभी जरूरी कागजात भी जमा कर दिए गए हैं। भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ऐसी खबरें गलत हैं कि प्रत्यर्पण के लिए कागजात जमा नहीं कराए गए हैं। सभी कागजात यूएई के कोर्ट को उपलब्ध कराए गए हैं। अगर जांच के दौरान और कागजात की जरूरत पड़ी तो वे भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
भारत सरकार के उच्च अधिकारियों के मुताबिक ईडी और सीबीआई के अधिकारियों ने जेम्स से दुबई में पूछताछ की थी। आपको बता दें कि भारत सरकार के अनुरोध पर जेम्स को हिरासत में लिया गया था। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया था।
ब्रिटिश नागरिक जेम्स इस सौदे के तीन बिचौलियों में से एक है। पता चला है कि जेम्स ने सौदे के दौरान 1997 से 2013 के बीच में भारत के 300 चक्कर लगाए थे। सीबीआई के जांच शुरू करते ही जेम्स दुबई चला गया था।