Triple Talaq बिल पर लोकसभा में बोले रविशंकर - नारी न्याय और नारी सम्मान का मामला - Punjab Kesari
Girl in a jacket

Triple Talaq बिल पर लोकसभा में बोले रविशंकर – नारी न्याय और नारी सम्मान का मामला

बीजेपी की अगुवाई वाली राजग सरकार के पास निचले सदन में पूर्ण बहुमत है और उसके लिए इसे

मोदी सरकार आज लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पेश कर रही है। बिल में एक साथ अचानक ट्रिपल तलाक दिए जाने को अपराध और साथ ही दोषी को जेल की सजा सुनाए जाने का भी प्रावधान किया गया है। मोदी सरकार ने मई में अपना दूसरा कार्यभार संभालने के बाद संसद के इस पहले सत्र में सबसे पहले इस विधेयक का मसौदा पेश किया था। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पेश कर रहे है।
UPDATES : 

– रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में तीन तलाक विधेयक को लोकसभा ने मंजूरी दी थी। लेकिन यह राज्यसभा में पारित नहीं हो सका। संसद के दोनों सदनों से मंजूरी नहीं मिलने पर सरकार इस संबंध में अध्यादेश लेकर आई थी जो अभी प्रभावी है।
उन्होंने कहा कि संविधान के मूल में लैंगिक न्याय है तथा महिलाओं और बच्चों के साथ किसी भी तरह से भेदभाव का निषेध किया गया है। मोदी सरकार के मूल में भी लैंगिक न्याय है। हमारी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘उज्जवला’ जैसी योजनाएं महिलाओं को सशक्त बनाने से जुड़ी हैं। इसी दिशा में पीड़ित महिलाओं की संरक्षा के लिये हम कानून बनाने की पहल कर रहे हैं। 

– मीडिया में लगातार तीन तलाक के उदाहरण सामने आ रहे हैं। इस विधेयक को सियासी चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। यह इंसाफ से जुड़ा विषय है। इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं है। प्रसाद ने कहा कि20 इस्लामी देशों ने इस प्रथा को नियंत्रित किया है। हिन्दुस्तान एक धर्मनिरपेक्ष देश है तो वह ऐसा क्यों नहीं कर सकता । उन्होंने बताया कि इसमें मजिस्ट्रेट जमानत दे सकता है। इसके अलावा भी कई एहतियाती उपाए किये गए हैं। 


1564043938 nk
– लोकसभा में ट्रिपल तालक विधेयक पर चर्चा के दौरान क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के नेता एनके प्रेमचंद्रन ने कहा, आप हिंदू और ईसाई समुदायों में तलाक के लिए कारावास क्यों नहीं बढ़ा रहे हैं? मुस्लिम समुदाय में अकेले क्यों? यह मुस्लिम कम्युनिटी के खिलाफ भेदभाव है।
– रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक के मामले में सदन की आवाज खामोश नहीं रहेगी, मेरे लोकसभा में चुने जाने से एक आवाज खामोश हो गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले को सियासी चश्मे से नहीं, धर्म और सियासत से नहीं, इंसाफ और इंसानियत से देखा जाना चाहिए। प्रसाद ने कहा कि यह नारी न्याय और नारी सम्मान का मामला है। 
– रविशंकर प्रसाद ने कहा, क्या मुस्लिम बहनों को ऐसी हालत में अकेला छोड़ देना चाहिए? उन्होंने कहा कि दुनिया के 20 इस्लामिक देशों ने तीन तलाक को बैन किया है तो भारत क्यों नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट इसे गलत बता चुका है, कानून बनाने का आदेश भी दिया है, अब क्या कोर्ट के फैसले को पीड़ित बहने घर में टांगे, कोई कार्रवाई नहीं होगी।
– ट्रिपल तालक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 24 जुलाई को दोपहर 2 बजे तक ट्रिपल तलाक के 345 मामले प्रकाश में आए  : रविशंकर प्रसाद 
1564044275 hasan
– सपा संसद एसटी हसन ने कहा, मैं ट्रिपल तालाक बिल के खिलाफ हूं। सरकार को किसी भी धर्म के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। एक छोटा संप्रदाय, अबू हनीफा के अनुयायी, ट्रिपल तालक का अभ्यास करते हैं। निर्णय लड़की और उसके माता-पिता के पास छोड़ दिया जाना चाहिए, अगर निकाह रसीद में कहा गया है कि वे (लड़के पक्ष के) सेक्ट के अनुयायी हैं।
– हसन ने कहा, अपराधी क्लॉज में 3 साल की कैद और आदमी को पत्नी से पारिश्रमिक देने का प्रावधान है, अगर वह जेल में है तो वह पारिश्रमिक कैसे प्रदान करेगा? एक मुसलमान 3 साल और अन्य 1 साल के लिए जेल जाएगा, क्या यह न्याय है?।
कई विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया है लेकिन सरकार का यह कहना है कि यह विधेयक लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक मांग कर रही हैं कि इसे जांच पड़ताल के लिए संसदीय समिति को सौंपा जाए। 
बीजेपी की अगुवाई वाली राजग सरकार के पास निचले सदन में पूर्ण बहुमत है और उसके लिए इसे पारित कराना कोई मुश्किल काम नहीं होगा। लेकिन राज्यसभा में सरकार को कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है जहां संख्या बल के लिहाज से सत्ता पक्ष पर विपक्ष भारी है। जनता दल (यू) जैसे बीजेपी के कुछ सहयोगी दल भी विधेयक के बारे में अपनी आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। वहीं बीजेपी ने बुधवार को अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर लोकसभा में पेश होने को कहा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।