इंडिया या भारत विवाद पर केंद्र सरकार का बड़ा बयान, कहा- 'नाम बदलने की बात है अफवाह' - Punjab Kesari
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इंडिया या भारत विवाद पर केंद्र सरकार का बड़ा बयान, कहा- ‘नाम बदलने की बात है अफवाह’

आजकल देश में एक और बहस छिड़ गई है,जी हां यह बहस देश के नाम को लेकर है।

आजकल देश में एक और बहस छिड़ गई है,जी हां यह बहस देश के नाम को लेकर है। एक तरफ देश के नाम को इंडिया बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ भारत। भारत और इंडिया को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच एक बड़ा युद्ध छिड़ गया है। इन बहस के बीच तर्कों और प्रतीकों की राजनीति का सिलसिला जारी है । जहां अब प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया भारत की राष्ट्रपति हो गई तो वहीं प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया भारत के प्रधानमंत्री हो गए हैं। इंडिया और भारत नाम के विवाद  के बीच केंद्र सरकार ने नाम बदलने की बात को एक अफवाह करार दिया है। बता दे इस  विवाद के बीच विपक्ष और बीजेपी दोनों ही आपस में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेल रही है।  इसी बीच भाजपा ने विपक्ष से एक सवाल कर डाला उन्होंने कहा कि आखिर नाम बदलने से उनको परेशानी क्या है? 
नाम बदलने के पीछे का क्या है राज? 
नाम बदलने का यह विवाद 8 सितंबर से 10 सितंबर के बीच हुआ है जब G-20 देश की बैठक के दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने  देश के गणमान्य लोगों को एक निमंत्रण पत्र भेजा। जहां इस्पात्र के अंदर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा हुआ था जिसके बाद से ही विपक्ष नाम को लेकर सरकार की ओर राजनीतिक तीर छोड़ने लगे हैं , इस बीच विदेश मंत्रालय ने भी पीएम मोदी के इंडोनेशिया दौरे पर प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिख दिया जिसके बाद विपक्ष आग बबूला हो चुका है। इस विवाद के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने नाम बदलने की बात को अफवाह बताते हुए उन्होंने कहा है कि संसद के विशेष सत्र में ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला वह भारत सरकार में मंत्री हैं, और जी-20 के लोगों के पत्रों में इंडिया और भारत दोनों ही लिखा हुआ है तो फिर बेवजह अफवाह क्यों फैलाई जा रही है ? और यह अफवाह कौन फैला रहा है?
कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया यह अफवाह है
कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आखिर भारत शब्द से किसी को दिक्कत क्यों हो सकती है ? उन्होंने कहा कि उनकी मानसिकता को दर्शाता है उनके मन में भारत को लेकर विरोध है शायद इसलिए वह विदेश जाते हैं तो वहां पर भारत की आलोचना करते हैं। G20 समिट खत्म होने के बाद 18 से 22 सितंबर के बीच संसद में विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा इस सत्र के दौरान भारत सरकार का एजेंडा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है जिसको लेकर विपक्ष लगातार सवाल कर रही है। विपक्षी दल यह भी अनुमान लगा रहे हैं की विशेष सत्र के दौरान सरकार उच्च लेकर आ सकती है तो कभी वह यह कह रहे हैं कि भारत संविधान में संशोधन कर इंडिया की जगह भारत कर सकते हैं।

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