केंद्र सरकार ने किराये के मकान के लिए एक नये कानून का प्रस्ताव किया तैयार - Punjab Kesari
Girl in a jacket

केंद्र सरकार ने किराये के मकान के लिए एक नये कानून का प्रस्ताव किया तैयार

केंद्र सरकार ने किराये के मकान के लिए एक नये कानून का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत

केंद्र सरकार ने किराये के मकान के लिए एक नये कानून का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत मकान मालिक या भूस्वामी किराये की समीक्षा करने से पहले तीन महीने का लिखित नोटिस देगा। 
सरकार के इस कदम का उद्देश्य देश में भवनों के किराये का नियमन करना है। प्रस्तावित मॉडल कानून जिला कलेक्टर को किराया प्राधिकार के तौर पर नियुक्त करने और निर्धारित समय सीमा से अधिक वक्त तक रहने पर भारी जुर्माना लगाए जाने की भी हिमायत करता है। 
इसके मुताबिक यदि किरायेदार निर्धारित समय सीमा से अधिक वक्त तक रहता है तो उसे दो महीने तक दोगुना किराया और उसके बाद चार गुना किराया अदा करना होगा। किरायेदार द्वारा अग्रिम राशि के तौर पर मकान मालिक के पास जमा की जाने वाली राशि अधिकतम दो महीने का किराया होगी।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने परामर्श के लिए ‘द मॉडल टेनेंसी एक्ट, 2019’ का मसौदा सार्वजनिक किया है। इसमें कहा गया है कि मकान मालिक और किरायेदार को किरायानामा (रेंट एग्रीमेंट) की एक प्रति जिला किराया प्राधिकरण को सौंपनी होगी, जिसके पास भूस्वामी या किरायेदार के अनुरोध पर किराये की समीक्षा करने या उसे तय करने की शक्तियां होंगी।
इसमें कहा गया है कि भूमि के ‘राज्य सूची’ का विषय होने के चलते इस कानून को स्वीकार करने के लिए राज्य स्वतंत्र होंगे। हालांकि, राज्यों को किराया अदालतें और किराया अधिकरण गठित करने की जरूरत होगी। 
अधिनियम के मसौदा में यह भी कहा गया है कि मकान मालिक या भूस्वामी किराये के परिसर में मरम्मत कार्य कराने या पुरानी चीजों को बदलने के लिए 24 घंटे के पूर्व नोटिस के बगैर प्रवेश नहीं कर सकेगा। प्रस्तावित कानून के मुताबिक किरायेदार से विवाद होने की स्थिति में मकान मालिक बिजली-पानी की आपूर्ति नहीं काट सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × one =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।