सब्सिडी पर केन्द्र का इंकार, प्रदेश सरकार चुप्प - Punjab Kesari
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सब्सिडी पर केन्द्र का इंकार, प्रदेश सरकार चुप्प

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श्योपुर:एक तरफ तो प्रदेश सरकार गरीबों के हितेषी होने का ढिंढोरा पीटते-पीटते नहीं थक रहीं, वहीं दूसरी ओर उसे गरीबों की फिक्र भी नहीं हो रही है। यही वजह है कि सरकार ने 9 माह से गरीबों को शासकीय उचित मूल्यों की दुकानों के माध्यम से मिलने वाली शकर उपलब्ध नहीं कराई है यानि सरकार ने गरीबों की मिठास को स्थाई रूप से छींन रखा है। परिणामस्वरूप गरीब खुले बाजार से 42 से लेकर 43 रूपए प्रतिकिलो की दर पर शकर खरीदने को विवश बने हुए हैं।प्रदेश में रहने वाले गरीब परिवारों को सस्ती दर पर खाद्यान्न मिल सके।

इसके लिए पीडीएस की दुकानें संचालित हैं। जनवरी माह तक गरीबों को राशन दुकानों से गेहूं,चावल,तेल सहित शकर भी मिलती थी। लेकिन फरवरी माह से सरकार ने पीडीएस की दुकानों पर शकर उपलब्ध कराना बंद कर रखा है। प्रारंभिक चरण में प्रदेश सरकार दावा कर रही थी कि जल्द ही गरीबों को सस्ती दर पर फिर से शकर मुहैया कराना शुरू कर दी जाएगी,लेकिन तब से लेकर अब तक महीनों गुजर चुके हैं,किन्तु अभी तक गरीबों को राशन दुकानों से शकर नसीब नहीं हुई है। ऐसे में गरीब परिवार मंहगी दर पर शकर बाजार से खरीदने को मजबूर हैं। गरीबों की मानें तो सरकार गरीबों के हितेषी होने का महज ढिंढोरा पीटती है।

धरातल पर उसे गरीबों की कोई परवाह नहीं है। 9 माह से शकर नहीं उपलब्ध कराना इसका जीता-जागता उदाहरण है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केन्द्र सरकार ने शकर पर मिलने वाली सब्सिडी बंद कर दी है। शुरू-शुरू में सरकार ने स्वयं ही सब्सिडी का खर्चा वहन किया था,किन्तु जब केन्द्र ने सब्सिडी देने से पूरी तरह हाथ खडे कर दिए तो प्रदेश सरकार को भी मजबूरी में अपने हाथ पीछे खींचने पडे। इसी वजह से पीडीएस की दुकानों पर शकर उपलब्ध नहीं हो रही है। श्योपुर जिले में 1 लाख 2 हजार 294 पात्रता परिवार हैं। कहना है

बीपीएल कार्ड धारी खिरखिरीमूला आदिवासी का कहना है जनवरी माह तक हमें राशन की दुकान से सस्ती दर पर शकर मिल जाती थी,किन्तु सरकार अब हमें शकर नहीं दे रही,जिसके चलते हमें 43 रूपए की दर से बाजार से शकर खरीदने के लिए विवश होना पड रहा है। सरकार को यदि हमारी फिक्र होती तो सब्सिडी वाले शकर मिलती रहती। अंत्योदयकार्डधारी चैनपुरा बगवाज रामसिया आदिवासी 9 माह से उसे उचित मूल्य की दुकान से शकर नहीं मिली है।

इस संबंध में हर बार सेल्समैन से पूछा जाता है,लेकिन वह एक ही जवाब देता है कि सरकार ने शकर देना बंद कर दिया है। सस्ती शकर नहीं मिलने की वजह से हमारा बाजार से ऊंची दर पर शकर खरीदना मुश्किल हो रहा है।वहीं जिला आपूर्ति अधिकारी एनएस चौहान का कहना है कि पीडीएस का संचालन केन्द्र सरकार करती है। सरकार ने शकर का आबंटन बंद कर दिया है। इसी वजह से गरीबों को शकर नहीं मिल पा रही है। रही बात केरोसिन की सब्सिडी की खाते में ट्रांसफर की तो यह सिस्टम अभी सिर्फ खंडवा,खरगोन में पायलट प्रोजेक्ट के तहत चालू हुआ है।

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