आतंकवादी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर के नाम के साथ ‘जी’ लगाए जाने के खिलाफ मंगलवार को बिहार की एक अदालत में परिवाद पत्र दाखिल कर कार्रवाई करने की मांग की गई है। बिहार के मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने एक परिवाद पत्र दायर करते हुए आरोप लगाया है कि राहुल गांधी जैसे बड़े शख्यियत को किसी आतंकवादी के नाम के साथ ‘जी’ लगाना सेना के मनोबल को तोड़ता है।
दरअसल, राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी की पिछली सरकार के दौरान कंधार विमान अपहरण के आरोपी मसूद अजहर को रिहा किए जाने का जिक्र करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने रिहाई के बाद विदाई देते समय मसूद अजहर का हाथ पकड़कर उसे विमान में बिठाया था। इस मुद्दे सफाई देते समय तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुंह से ‘अजहर जी’ शब्द निकला था।
भाजपा पर तंज कसने के चक्कर में मसूद अजहर के लिए ‘जी’ बोल गए राहुल
इस बात का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने जब रविशंकर के कहे शब्द ‘अजहर जी’ को दोहराया तो वीडियो में काटछांट कर उसे राहुल के कहे शब्द के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। प्रचारतंत्र की इस कुत्सित चाल को सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने भी ‘सच’ मान लिया है।
हाशमी ने परिवाद पत्र में कहा है, ”12 मार्च को मैं अपने भीखनपुर स्थित आवास पर टीवी चौनलों पर समाचार देख रहा था। उसी समय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दुनिया के मोस्टवांटेड आरोपी मसूद अजहर , जो पुलवामा में हुए आतंकी हमले का साजिशकर्ता है, उसको वह ‘जी’ कहकर संबोधित कर रहे हैं।” परिवाद में कहा गया है कि ऐसा कर राहुल गांधी ने भारतीय सेना के मनोबल को तोड़ने का काम किया है। हाशमी ने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी।