कान्स फिल्म फेस्टिवल 2025 में सोनम छाबड़ा की वापसी एक सशक्त संदेश के साथ हो रही है, जहां वे पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। यह सिर्फ फैशन नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और पुनर्जागरण की कहानी होगी, जिससे वे दुनिया के सामने अपने देश की कहानी रखेंगी।
डिजिटल कंटेंट क्रिएटर सोनम सी. छाबड़ा एक बार फिर दुनियाभर की सुर्खियों में हैं, और इस बार वजह है उनका भव्य और भावनात्मक अंदाज़ में कान्स फिल्म फेस्टिवल 2025 में लौटना। 13 मई से 24 मई तक चलने वाले 78वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में सोनम भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं, लेकिन इस बार उनका सफर सिर्फ फैशन या फिल्मों तक सीमित नहीं है। यह वापसी एक सशक्त संदेश लेकर आएगी। सोनम इस वर्ष कान्स में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। उनका कहना है, “कान्स मेरे लिए सिर्फ एक फिल्म फेस्टिवल नहीं, एक मंच है जहां सिनेमा, कला और संवेदनाएं एक साथ बहती हैं। इस साल मैं न सिर्फ एक कलाकार बल्कि एक भारतीय नागरिक के तौर पर यहां आई हूं, अपने देश की कहानी को दुनिया के सामने रखने।”
साहस की कहानी: मां के लिए लीवर डोनेट कर लिखी नई मिसाल
सोनम छाबड़ा का नाम पिछले साल सिर्फ उनके स्टाइल और फिल्मों के लिए नहीं, बल्कि एक असाधारण इंसानी जज्बे के लिए भी चर्चा में रहा। उन्होंने अपनी मां को जीवनदान देने के लिए खुद का 60% लीवर डोनेट किया। उनकी मां लीवर सिरोसिस के अंतिम चरण में थीं। सोनम का यह कदम न केवल निजी साहस को दर्शाता है बल्कि भारत में अंगदान जैसे मुद्दों को लेकर भी एक सशक्त संदेश देता है।
रेड कार्पेट पर देश का रूप
कान्स 2025 के रेड कार्पेट पर सोनम छाबड़ा का परिधान सिर्फ फैशन नहीं होगा, बल्कि यह भारत की आत्मा, पीड़ा और पुनर्जागरण की कहानी कहेगा। पहलगाम हमले के बाद भारत की जो एकजुटता और धैर्य दिखाई दिया, उसे सोनम अपने ड्रेस और प्रस्तुति के माध्यम से दिखाएंगी।
सिर्फ परदे पर नहीं, ज़िंदगी में भी स्टोरीटेलर
सोनम की यात्रा की शुरुआत एक टीवी एंकर के तौर पर हुई थी, जहां उन्होंने Kirket और Made In Heaven जैसे प्रोजेक्ट्स में अपने अभिनय का जादू दिखाया। लेकिन उनकी असली पहचान बनी है उनके सामाजिक सरोकारों और बोल्ड फैसलों से—चाहे वह ऑर्गन डोनेशन हो, वीगनिज़्म या फिर मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बोलना।