Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को परमाणु ऊर्जा उत्पादन में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी निवेश की खातिर खोले जाने की घोषणा की, क्योंकि सरकार का लक्ष्य 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को घटाकर शून्य करना है। वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट पेश करते हुए घोषणा की कि सरकार भारत लघु रिएक्टरों की स्थापना और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करेगी।
- परमाणु क्षेत्र में निजी निवेश में आसान करेगी राह
- कार्बन उत्सृजन 2070 तक कम करने का लक्ष्य
- अब तक केवल सरकारी वित्त पर ही परमाणु अनुसंधान का था प्रावधान
नयी टेक्नोलॉजी के रिसर्च और विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करेगी
सीतारमण ने कहा कि सरकार परमाणु ऊर्जा के लिए नयी प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास की खातिर निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करेगी। उन्होंने कहा कि फरवरी में अंतरिम बजट में घोषित 1,000 अरब रुपये के अनुसंधान और विकास निधि को परमाणु क्षेत्र के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने की उम्मीद है।
क्या है फिलहाल इसकी व्यवस्था
हालांकि, सरकार को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों के निवेश की अनुमति देने के लिए परमाणु ऊर्जा कानून में संशोधन करना होगा, क्योंकि मौजूदा कानून के तहत परमाणु सामग्री और प्रौद्योगिकियों के प्रबंधन के लिए केवल सरकारी संस्थाओं को ही अनुमति है। एक फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में, वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को वित्तपोषित करने में मदद के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के प्रावधान के साथ 1,000 अरब रुपये के कोष की घोषणा की थी।
सीतारमण ने कहा था, यह कोष लंबी अवधि और कम या शून्य ब्याज दरों के साथ दीर्घकालिक वित्तपोषण करेगा। यह निजी क्षेत्र को उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
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