Budget 2024: दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का बजट, इन प्रमुख आंकड़ों पर रहेगी नजर Budget 2024: Budget Of The World's Fastest Growing Economy, Eyes Will Be On These Key Figures
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Budget 2024: दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का बजट, इन प्रमुख आंकड़ों पर रहेगी नजर

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार यानी आज अपना लगातार सातवां बजट पेश करने जा रही हैं, जो 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा। इस बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी। नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में इन आंकड़ों पर खासतौर से सबकी नजर रहेगी –

  • राजकोषीय घाटा: इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट के मुताबिक सरकार के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 5.8 प्रतिशत था। कर संग्रह में उछाल के कारण पूर्ण बजट में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है।
  • सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
  • पूंजीगत व्यय: चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्त वर्ष के 9.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है और राज्यों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है।
  • कर राजस्व: अंतरिम बजट में 2024-25 के लिए सकल कर राजस्व 38.31 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11.46 प्रतिशत अधिक है।
    इसमें प्रत्यक्ष करों (व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर) से 21.99 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष करों (सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और जीएसटी) से 16.22 लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान है।
  • जीएसटी: वित्त वर्ष 2024-25 में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 11.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.68 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के अंतिम बजट में कर राजस्व के आंकड़ों पर नजर रखनी होगी।
  • कर्ज: अंतरिम बजट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल उधार बजट 14.13 लाख करोड़ रुपये था। सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेती है। बाजार की नजर उधारी के आंकड़ों पर रहेगी।
  • वर्तमान कीमतों पर जीडीपी: अंतरिम बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भारत की वर्तमान कीमतों पर जीडीपी (वास्तविक जीडीपी और मुद्रास्फीति का जोड़) 10.5 प्रतिशत बढ़कर 3,27,700 अरब रुपये होने का अनुमान है।
  • लाभांश: अंतरिम बजट में आरबीआई और वित्तीय संस्थानों से 1.02 लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिलने का अनुमान है। इसे बढ़ाया जाएगा, क्योंकि आरबीआई ने मई में पहले ही 2.11 लाख करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित कर दिया है। साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 43,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।

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