पूर्व सांसद व कांग्रेस के नेता उदित राज द्वारा बसपा प्रमुख मायावती पर की गई टिप्पणी पर सियासी घमासान मचा हुआ है। बसपा मुखिया मायावती और नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद के बाद इस मुद्दे पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी कूद गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अगर इस मामले में इन्हें एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार नहीं करती तो यह मानना होगा भाजपा भी कांग्रेस के साथ मिली हुई है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद उदित राज द्वारा मायावती पर दिया गया घृणित, शर्मनाक, अपमानजनक और निंदनीय बयान न सिर्फ बहन का अपमान है, बल्कि यह पूरे बहुजन समाज के दलितों और स्वाभिमानी भारतीयों की गरिमा पर करारा हमला है।
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का हमेशा से दलित विरोधी, महिला विरोधी और जातिवादी मानसिकता का घिनौना प्रमाण है। इस पार्टी ने इसी प्रकार डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी का भी अपमान किया था, जिसके चलते उन्होंने विधि मंत्री के पद से त्याग किया था। बसपा महासचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की चार बार की मुख्यमंत्री एवं पहली दलित महिला ने शासन की परिभाषा बदली, उन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया था, जिसकी वजह से अपराधी डरते थे।
सतीश चंद्र ने कहा कि सम्पूर्ण भारत का दलित व पिछड़ा वर्ग ऐसी कांग्रेस पार्टी व उनके गैर जिम्मेदार नेताओं के भाषणों व नौटंकियों को पूर्ण रूप से नकार चुका है और इसी हताशा में कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं से इस प्रकार की अनर्गल बातें करवा रही है और जान से मारने की खुली धमकी दे रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जो संविधान लेकर घूमते रहते हैं और दलितों के अधिकारों की बातें करते हैं, अब जानबूझकर जय भीम करने लगे हैं। अब उनका असली चेहरा सामने आ गया है। उनकी पार्टी के नेता द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस तरह का घृणित बयान उनके कहने पर ही दिया जा सकता है।
ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता उदित राज ने बीते दिनों लखनऊ में पत्रकारों से कहा था, “महाभारत के युद्ध के दौरान जब अर्जुन ने भगवान कृष्ण से पूछा कि वह अपने ही रिश्तेदारों को कैसे मारेंगे, तो भगवान कृष्ण ने कहा कि कोई रिश्तेदार नहीं होते और उन्हें (अर्जुन को) न्याय के लिए लड़ना है। आज मेरे कृष्ण ने मुझसे कहा है कि पहले अपने दुश्मन को मारो। सामाजिक न्याय की दुश्मन मायावती ने सामाजिक आंदोलन का गला घोंट दिया और अब उनका गला घोंटने का समय आ गया है।