रायपुर : छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों के चुनावी मोड में आने के बाद घमासान का दौर तेज होता जा रहा है। वहीं राजनीतिक दलों की रणनीतियों को ध्वस्त करने कवायदें शुरू हो गई है। सत्ताधारी दल भाजपा ने सभी 90 सीटों का एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। मिशन 65 के दावों के साथ भाजपा के रणनीतिकारों ने बिसात बिछाई है। हालांकि इस मामले में तथ्यों को पूरी तरह गोपनीय रखा गया है।
राज्य में नए इस वर्ष के अंत तक विधानसभा के चुनाव होंगे। यही वजह है कि रणनीतिकारों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। हालांकि राज्य में सत्ता में वापसी की कवायदों में जुटी कांग्रेस ने भी इस बार पूरी रणनीति में बदलाव किया है। आम तौर पर बीते चुनाव तक कांग्रेस में प्रत्याशी ही चुनाव लड़ता रहा है। इस बार कांग्रेस में संगठन चुनाव लड़ेगा इसे लेकर भी रोड मैप तैयार किया गया है। बूथ कमेटियों के जरिए कांग्रेस सीधे निचले स्तर पर जोर दे रही है।
अब तक करीब 70 फीसदी बूथ कमेटियों के गठन का काम पूरा कर लिया गया है। यही वजह है कि सत्ताधारी दल भाजपा ने अब विपक्ष की रणनीतियों को भेदने के लिए नए सिरे से बूथों में घेरेबंदी की रणनीति बनाई है। सत्ताधारी दल की ओर से 90 सीटों में से सबसे कमजोर सीटों को अलग किया गया है। भाजपा के लिए कमजोर और कड़े मुकाबले वाली सीटों को चिन्हित कर प्लान बनाया गया है। वहीं मजबूत सीटों पर भी अलग मानिटरिंग की व्यवस्था की गई है।
यही वजह है कि इन रणनीतियों के मद्देनजर प्रदेश में घमासान रोचक होने की संभावना है। हालांकि कांग्रेस और भाजपा को मात देने क्षेत्रीय दलों की मौजूदगी भी हो गई है। इसके बावजूद क्षेत्रीय दलों की भूमिका अब तक समीकरणों को बिगाडऩे की ही नजर आ रही है। इधर प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की भूमिका भी होगी। आप ने राज्य में संभावनाएं तलाशने के बाद राजनीतिक दलों को चुनौती देने की तैयारी की है। आप की मौजूदगी भी प्रदेश में राजनीतिक नजरिए से अहम होगी।
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