BHU में बवाल जारी, 1200 पर FIR, लंका थाने के एसओ लाइन हाज़िर, ACM की छुट्टी, चढ़ा राजनीतिक रंग - Punjab Kesari
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BHU में बवाल जारी, 1200 पर FIR, लंका थाने के एसओ लाइन हाज़िर, ACM की छुट्टी, चढ़ा राजनीतिक रंग

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वाराणसी: बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में शनिवार रात छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले में सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इस मामले में पुलिस ने करीब 1000 अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। लंका थाने के एसओ राजीव सिंह को लाइन हाज़िर किया गया है। भेलूपुर इलाके के सीओ निवेश कटियार और एक एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट को हटाया गया है। इस बीच कई छात्राएं बीएचयू और वाराणसी के दूसरे कॉलेजों से जाने लगी हैं। हालांकि दशहरे की छुट्टी भी होने ही वाली थीं, लेकिन इससे पहले ही छात्राएं जा रही हैं।

इससे पहले बीती रात से ही पूरा परिसर एक छावनी का रूप ले चुका है और अब इस विरोध प्रदर्शन में कई नेता कूद पड़े हैं। बीएचयू का दौरा करने आ रहे कांग्रेस यूपी अध्यक्ष राजबब्बर, पी एल पुनिया और अजय राय को रास्ते में ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। सैंकड़ो की संख्या में छात्र प्रदर्शन कर रहे है इसी बीच पुलिस को कैंपस को अंदर बुला लिया गया है। बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय विद्यालय बीएचयू में सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है।

 

विद्यालय अब शारदीय नवरात्र की छुट्टी के बाद 6 अक्टूबर 2017 को खुलेगा। यह जानकारी केन्दीय विद्यालय बीएचयू की प्राचार्य डॉ. पूनम सिंह ने दी है। इसके अलावा जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा ने डॉक्टर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ सहित संबद्ध सभी महाविद्यालयों को सोमवार से बंद रखे जाने का निर्देश दिया है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने आईजी से इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। छात्र-छात्राओं से होस्टल खाली कराए जा रहे हैं। यहां तक कि उनके बिजली-पानी का कनेक्शन भी काट दिया गया है।

वाराणसी के BHU में धरने पर बैठे छात्रों पर पुलिस ने बल प्रयोग करके जब उन्हें तीतर-बितर करने की कोशिश की तो छात्रों ने भारी तोड़ फोड़ करते हुए आगजनी भी की। लिहाजा पुलिस की तरफ से भी बल प्रयोग का आरोप लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पुलिस के सब्र का बांध उस वक्त टूट गया जब धरना दे रहे छात्र छात्राएं वाइस चांसलर के आवास में घुसने की कोशिश करने लगे, और जब वहाँ तैनात सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशीश की तो उनके साथ छात्रों ने मार पीट की गई। बवाल बढ़ता देख पुलिस बुलाई गई और लाठी चार्ज करके उन्हें खदेड़ दिया गया। छात्राओ का आरोप है की पुलिस ने लड़कियों-लड़को दोनों को घसीट-घसीट करके बहुत मारा है लेकिन डीएम वाराणसी जो खुद मौके पर मौजूद थे ने बताया कि कोई लाठी चार्ज नहीं किया गया है। दरअसल यह पूरा मामला एक छात्रा के साथ हुई छेड़खानी के बाद शुरू हुआ।

1200 छात्र-छात्राओं पर केस

इस बीच वाराणसी पुलिस ने बीएचयू परिसर में हिंसक वारदात और शांति भंग के आरोपों के तहत 1200 अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं यूनिवर्सिटी कैंपस में लाठीचार्ज के लिए पहली नजर में दोषी पाए गए लंका थाने के इंचार्ज, भेलूपुर के सीओ और एक अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट को हटा दिया गया है।

सीएम ने मांगी रिपोर्ट, VC ने बताई साजिश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले पर आईजी पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। वहीं बीएचयू के कुलपति ने इस पूरे आंदोलन को बाहरी तत्वों की साजिश बताया है। प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा की छात्रों का हंगामा विश्विद्यालय को बदनाम करने की साजिश है। शनिवार रात को परिसर हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे। उन्होंने कहा की उपद्रव की घटना बाहरी लोगों की देन है। हमारे विश्विद्यालय के छात्रावास में करीब 25 हजार छात्र रहते हैं और हमें इस बात की ख़ुशी है। वे उपद्रव में शामिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि विश्विद्यालय में बाहरी लोगों का प्रवेश तब से है। जब से विश्विद्यालय बना है। अब हम कोशिश करेंगे की विश्विद्यालय परिसर में बाहर के लोगों का आना जाना बंद किया जाए।

विरोध प्रदर्शन ने लिया राजनीतिक रंग

बीएचयू में विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज की कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने कड़ी निंदा की है और केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों पर निशाना भी साधा है। इस विरोध में शामिल होने वाराणसी पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर सहित कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इन सभी को कुछ देर बाद छोड़ दिया गया।

 

वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीएचयू की छात्राओं पर लाठीचार्ज के लिए भाजपा की निंदा की। गांधी ने ट्वीट किया, ‘बीएचयू में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का बीजेपी वाला रूप।’ उन्होंने इस ट्वीट के साथ वह वीडियो लिंक शेयर किया जिसमें छात्राओं ने परिसर में पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें कथित रूप से पीटे जाने का आरोप लगाया।

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बीएचयू में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की। अखिलेश ने अपने ट्वीट में कहा, ‘सरकार को लाठीचार्ज के जरिये नहीं बल्कि बातचीत के जरिये मुद्दे का समाधान करना चाहिए। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।’

आज दिल्ली में भी प्रोटेस्ट

 

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में ‘बढ़ती छेड़खानी’ के खिलाफ सुरक्षा की मांग कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज के मामले पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच बीएचयू गेट के बाहर जहां सैकड़ों की संख्या में छात्र विरोध प्रदर्शन में जुटे हैं। वहीं कांग्रेस, लेफ्ट सहित विभिन्न छात्र संगठनों ने भी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।