राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले पर राष्ट्रपति मुर्मू को पत्र लिखकर न्याय की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा की गई 25 हजार शिक्षकों की भर्ती को रद्द कर दिया है, जिससे हजारों योग्य शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। राहुल ने राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप कर राज्य सरकार को उचित कदम उठाने का आग्रह किया है।
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सियासत गरमाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद बीजेपी लगातार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोल रही है। इस बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी है। पत्र में कांग्रेस नेता ने राष्ट्रपति ने इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया कि वे राज्य सरकार से इस मामले पर तत्काल कदम उठाने के लिए कहें, ताकि न्यायपूर्ण तरीके से चयनित शिक्षकों को अपनी नौकरी जारी रखने का अवसर मिल सके।
शिक्षकों की मेहनत पर पानी फिर गया
राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा, मैंने भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य स्कूल शिक्षकों के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के बाद अपनी नौकरी खो दी है। मैंने उनसे अनुरोध किया है कि वे सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करें कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को जारी रखने की अनुमति दी जाए।
I have written to the Honourable President of India, Smt. Droupadi Murmu ji, seeking her kind intervention in the matter of thousands of qualified school teachers in West Bengal who have lost their jobs following the judiciary’s cancellation of the teacher recruitment process.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 8, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की भर्ती प्रक्रिया
दरअसल पश्चिम बंगाल में हजारों योग्य शिक्षकों का भविष्य खतरे में आ गया है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा की गई 25 हजार शिक्षकों की भर्ती को रद्द कर दिया है। इस फैसले के बाद अब निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चयनित हुए उम्मीदवारों की नौकरी खतरे में आ गई है। कोलकाता हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई थीं और पूरी भर्ती प्रक्रिया को अवैध करार दिया था। 3 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। इस फैसले के बाद उन शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए कोई उम्मीद नहीं बची है, जिनकी नौकरी चली गई है।
सीएम ममता ने दिया साथ
कई उम्मीदवारों का कहना है कि वे सालों से शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे थे और कड़ी मेहनत के बाद उनका चयन हुआ था, लेकिन अब उनकी मेहनत और उम्मीदों पर पानी फिर गया है। हालांकि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षकों का आश्वासन दिया है कि वे किसी की नौकरी जाने नहीं देंगी और उनकी आवाज उठाएंगी। ।
West Bengal: स्कूली नौकरियों को रद्द करने के खिलाफ TMC का 9 अप्रैल को प्रदर्शन