Aurangzeb विवाद में Baba Ramdev की एंट्री, कहा उस क्रूर शासक की चर्चा करना ही व्यर्थ - Punjab Kesari
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Aurangzeb विवाद में Baba Ramdev की एंट्री, कहा उस क्रूर शासक की चर्चा करना ही व्यर्थ

Baba Ramdev ने कहा Aurangzeb की चर्चा करना व्यर्थ है

औरंगजेब विवाद पर बाबा रामदेव ने कहा कि ऐसे क्रूर शासकों की बात करना बेकार है। उन्होंने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत के महान पूर्वजों की विरासत पर ध्यान देकर हमें उनके सपनों का भारत बनाना चाहिए। बाबा रामदेव के इस बयान से औरंगजेब विवाद और गरमा गया है।

महाराष्ट्र में औरंगजेब पर चल रहा है विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसमें योग गुरु बाबा रामदेव की एंट्री हो गई है। बाबा रामदेव पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क के उद्घाटन कार्यक्रम में नागपुर पहुंचे, जहां उन्होंने औरंगजेब के विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। बाबा रामदेव ने कहा कि औरंगजेब जैसे क्रूर शासकों की बात करना ही व्यर्थ है।

‘भारत भगवान राम और कृष्ण की धरती’

योग गुरु बाबा रामदेव ने मीडिया से बात करते हुए औरंगजेब के बारे में कहा, “भारत भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान शिव और छत्रपति शिवाजी महाराज का देश है। हमें अपने पूर्वजों की महिमा से प्रेरणा लेनी चाहिए और एक विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना चाहिए। इसके साथ ही योग गुरु ने आगे कहा कि औरंगजेब एक क्रूर शासक था, उसकी चर्चा करना बेकार है। भारत में जितने भी क्रूर आततायी शासक हुए उनकी गुलामी की निशानियों को बचाकर रखने का कोई मतलब नहीं है। हमें अपने महान पूर्वजों की विरासत पर ध्यान देना चाहिए और उनके सपनों का भारत बनाना चाहिए।

इससे पहले एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा था कि भारत के नायक महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज हैं, भारत के नायक अकबर और औरंगजेब जैसे कुख्यात नायक नहीं हो सकते। हल्दीघाटी की धरती को पूरा देश तीर्थ के रूप में सम्मान देता है।

क्या बोले थे अबू आजमी

बता दें इन दिनों देश की राजनीति में औरंगजेब का मुद्दा गरमाया हुआ है। संभाजी पर आधारित विक्की कौशल की फिल्म छावा आने के बाद हर कोई इस पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। पहले सपा नेता अबू आजमी ने इस पर प्रतिक्रिया दी, जिससे यह पूरा विवाद शुरू हुआ।

महाराष्ट्र के सपा नेता और विधायक अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब ने बहुत मंदिर बनवाए हैं, गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता। उस वक्त लड़ाई युद्ध की थी धर्म की नहीं, हिंदू मुस्लिम की लड़ाई नहीं थी। औरंगजेब के समय भारत सोने की चिड़िया थी, हमारी सरहद बड़ी थी। अब हिन्दू संगठनों द्वारा औरंगजेब की कब्र हटाए जाने की मांग भी हो रही है। अब देखना यह होगा कि यह बयानबाजी कब शांत होती है।

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