आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का समाधान बातचीत से निकलना चाहिए। सबकी सहमति एवं सौहार्द से अयोध्या का हल निकलना चाहिए। वे इसके लिये पूरा प्रयास करेंगे। श्रीरविशंकर ने राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही राजनीति पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने उम्मीद जतायी कि राम मंदिर निर्माण के लिये सौहार्द पूर्ण माहौल होना चाहिए। उन्होंने अयोध्या विवाद सुलझाने के लिये उच्चतम न्यायालय द्वारा बनायी गयी मध्यस्थता कमेटी में शामिल होने के बाद वह पहली बार उत्तराखंड में बोल रहे थे।
वह आज महासत्संग में भाग लेने के लिये हल्द्वानी दौरे पर आये हैं। आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा बनाये गये पैनल में उनके नाम शामिल होने संबंधी जानकारी उन्हें हवाई अड्डे पर मिली है। उन्होंने कहा कि सबकी सहमति एवं सौहार्द पूर्ण माहौल से अयोध्या का हल निकलना चाहिए। सौहार्द पूर्ण माहौल से हल निकलेगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिये वह पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने इस दौरान किसी भी राजनीतिक सवालों को जवाब नहीं दिया। उन्होंने मध्यस्थता कमेटी को लेकर उठ रहे विरोध के बारे में कहा कि वे इस पर टिप्पणी नहीं करेंगे। ये सवाल आप उन्हीं से पूछो। वे अयोध्या पर हो रही राजनीति पर भी सवालों के जवाब को टाल गये।
इससे पहले हल्द्वानी आगमन पर आध्यात्मिक गुरू श्री श्रीरविशंकर का उनके अनुयायियों ने जोरदार स्वागत किया। अनुयायियों एवं श्रद्धालुओं ने गुलाब का फूल देकर उनसे आशीर्वचन लिया। इसके बाद शाम को उन्होंने एमबी इंटर कालेज में महा सत्संग में प्रतिभाग किया। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद में मध्यस्थता के लिये एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जिसमें श्री श्री रविशंकर को भी बतौर सदस्य शामिल किया गया है।