उज्जैन : मुख्य सचिव बीपी सिंह ने कहा है कि प्रदेश में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में उज्जैन संभाग प्रथम स्थान पर आया है। प्रदेश में विगत तीन माह में 10 लाख से अधिक अविवादित नामांतरण के प्रकरणों का निराकरण किया गया है। राजस्व अधिकारी फिल्ड में अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरसीएमएस साफ्टवेयर में निरन्तर सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं। शासन की मंशा है कि रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण की कार्यवाही शुरू हो जाये। मुख्य सचिव बीपी सिंह ने अपने उज्जैन प्रवास पर सिंहस्थ मेला कार्यालय में प्रेस से चर्चा करते हुए यह बात कही। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित को संरक्षित कर रही है।
भावान्तर भुगतान योजना के लिये केन्द्र एवं अन्य राज्यों से लगातार पूछताछ की जा रही है। साथ ही अन्य राज्य इस बात पर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण कैसे दिया जा रहा है। ऐसी योजनाएं देश के किसी अन्य राज्य में नहीं है। प्रदेश में निरन्तर विकास हो रहा है।
सम्पूर्ण देश में मध्य प्रदेश ही ऐसा राज्य है, जहां पर तीन लाख प्रधानमंत्री आवास निर्मित किये गये हैं। प्रेस से चर्चा के समय प्रमुख सचिव राजस्व अरूण पाण्डेय, संभागायुक्त एमबी ओझा, कलेक्टर संकेत भोंडवे मौजूद थे। मुख्य सचिव उज्जैन में संभागीय राजस्व अधिकारियों की बैठक लेने तथा राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करने आए थे। मुख्य सचिव बी.पी.सिंह ने कहा है कि प्रदेश में राजस्व अभियान के अच्छे परिणाम आये हैं।
प्रदेश स्तर पर राजस्व के कार्य पिछड़ रहे थे, इसलिये प्रदेश के तीन सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों, जिनमें प्रमुख सचिव हरिरंजन राव, मनीष रस्तोगी एवं आयुक्त भू-अभिलेख एम.सेलवेन्द्रम शामिल हैं, को राजस्व विभाग में पदस्थ किया है। उन्होंने कहा कि राजस्व की समीक्षा बैठकें आगे भी चलती रहेंगी। बैठक में संभागायुक्त एमबी ओझा ने उज्जैन संभाग के राजस्व प्रकरणों के निराकरण की जानकारी पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत की।
संभागायुक्त ने बताया कि विगत दिनों संभाग में राजस्व प्रकरणों के निराकरण का अच्छा काम हुआ है एवं प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने बताया कि पांच साल से लम्बित एक भी प्रकरण संभाग में शेष नहीं है। एक अक्टूबर से लेकर अब तक संभाग में आरसीएमएस रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर में 58 हजार 571 प्रकरण दर्ज हुए हैं और इनमें से 50 हजार प्रकरण निराकृत हो चुके हैं। संभागायुक्त ने बताया कि उज्जैन संभाग में नीमच जिला राजस्व प्रकरणों के निराकरण में सबसे आगे है।
आयुक्त भू-अभिलेख ने बैठक में बताया कि पटवारी भर्ती के लिये ली गई परीक्षा के आधार पर मेरिट लिस्ट फरवरी माह में घोषित की जायेगी तथा चयन काउंसिलिंग के आधार पर ऑनलाइन किया जायेगा। आगामी अप्रैल एवं मई माह में पटवारियों को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम बनाया गया है। यह ट्रेनिंग छह माह की होगी।
सभी कलेक्टर को निर्देश दिये गये हैं कि वे पटवारी प्रशिक्षण के लिये आवश्यक व्यवस्थाएं कर लें तथा प्रत्येक जिले में लगभग 150 पटवारियों को प्रशिक्षण देने के लिये एक निगरानी समिति का गठन किया जाये।
निगरानी समिति का प्रभारी वरिष्ठ डिप्टी कलेक्टर को बनाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। पटवारियों को प्रशिक्षण देने के लिये प्रशिक्षकों की पहचान कर उनको मानदेय पर नियुक्त करने के निर्देश भी दिये गये हैं। बैठक में मुख्य सचिव की उपस्थिति में विभिन्न जिलों से आये हुए नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं डिप्टी कलेक्टर्स ने आरसीएमएस साफ्टवेयर को और उपयोगी बनाने के लिये सुझाव दिये।
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