असम सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य के औद्योगिक विकास में अहम योगदान देने वाले प्रख्यात उद्योगपति रतन टाटा और टाटा समूह के सम्मान में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि असम के जगीरोड में स्थापित की जा रही आगामी इलेक्ट्रॉनिक सिटी का नाम “रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी, जगीरोड” रखा जाएगा।
असम के विकास में टाटा समूह का योगदान
टाटा समूह ने असम में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निवेश किए हैं, जिससे राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नई गति मिली है। राज्य सरकार के अनुसार, इस इलेक्ट्रॉनिक सिटी का नाम रतन टाटा के नाम पर रखने का उद्देश्य उनके अमूल्य योगदान को सम्मानित करना है। इसके अलावा, यह पहल असम को एक प्रमुख निवेश और औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगी।
औद्योगिक विकास को मिलेगी नई दिशा
इस फैसले को राज्य सरकार ने असम के भविष्य के लिए एक बड़ा कदम करार दिया है। इलेक्ट्रॉनिक सिटी के निर्माण से तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इस परियोजना के माध्यम से असम नवाचार और तकनीकी विकास का एक प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर होगा।
अन्य अहम कैबिनेट फैसले
सरमा कैबिनेट ने इस बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए:
निजी विश्वविद्यालयों के लिए विशेष सिक्योरिटी क्लियरेंस:
राज्य में जो भी निजी संस्थान विश्वविद्यालय स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें सरकार से विशेष सुरक्षा मंजूरी (सिक्योरिटी क्लियरेंस) लेनी होगी।
ऐसे संस्थानों को धर्म परिवर्तन जैसी सांप्रदायिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी।
“एडवांटेज असम-2” पहल को मजबूती:
असम सरकार ने राज्य को एक प्रमुख निवेश स्थल के रूप में बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों (एमओयू) की जांच करने के लिए एक सिस्टम बनाया है, जिसे आज मंजूरी दी गई है।
असम के लिए सकारात्मक पहल
असम सरकार के इन फैसलों से राज्य में उद्योग, निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। “रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी” जैसी परियोजनाएं राज्य को तकनीकी और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेंगी।