Ashwini Vaishnav ने दिखाया 'Make In India' टैबलेट का दम - Punjab Kesari
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Ashwini Vaishnav ने दिखाया ‘Make In India’ टैबलेट का दम

भारत में बने टैबलेट को केंद्रीय मंत्री ने दिखाया मजबूत और टिकाऊ

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत में बने मजबूत और टिकाऊ टैबलेट को शोकेस किया। वीडियो में उन्होंने टैबलेट की मजबूती को जमीन पर फेंककर और उस पर खड़े होकर प्रदर्शित किया। यह पहल भारत के उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए बढ़ते प्रयासों को दर्शाती है।

केंद्रीय रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारत में डिजाइन और बनाए गए एक मजबूत और टिकाऊ टैबलेट को शोकेस किया।

वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, “नहीं टूटेगा, भारत में डिजाइन किया गया है, भारत में बनाया गया है।”

वीडियो में, केंद्रीय मंत्री टैबलेट की मजबूती को टेस्ट करते हैं। वे टैबलेट को जमीन पर फेंकते, ऊंचाई से गिराते और यहां तक कि टैबलेट पर खुद खड़े होते दिखाई दे रहे हैं। यह सब टैबलेट की मजबूती को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।

यह पोस्ट ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत स्वदेशी, उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए भारत के बढ़ते प्रयासों को दर्शाता है।

इसी जगह से एक दूसरे वीडियो में केंद्रीय मंत्री ने भारत की एआई सर्वर टेक्नोलॉजी की एक झलक शेयर की, जिसमें कैप्शन लिखा था, “भारत का एआई सर्वर… ‘आदिपोली’… वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज।”

यहां वे कर्मचारियों से बातचीत करते और विनिर्माण प्रक्रिया के बारे में जानकारी लेते देखे गए।

यह पहल केंद्रीय मंत्री की फरवरी की पिछली पोस्ट की याद दिलाती है, जिसमें उन्होंने वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज के “भारत में डिजाइन और निर्मित” लैपटॉप को पेश किया था।

यह घरेलू कंपनी, जो एंड-टू-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद विकास में माहिर है, वैश्विक हार्डवेयर विनिर्माण केंद्र बनने की भारत की महत्वाकांक्षा में एक की-प्लेयर बन रही है।

यह पहल देश के भीतर अधिक इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के डिजाइन, विकास और उत्पादन को बढ़ावा देकर टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनने के भारत के लक्ष्य के अनुरूप है।

उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने घरेलू विनिर्माण में निवेश करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस साल जनवरी में, सरकार ने जानकारी दी थी कि आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना ने पहले ही 10,000 करोड़ रुपये का उत्पादन किया है। इसके रोलआउट के बाद से केवल 18 महीनों में 3,900 नौकरियां पैदा हुई हैं।

इसी बीच, इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि स्मार्टफोन वित्त वर्ष 2025 के पहले 10 महीनों में भारत की सबसे बड़ी निर्यात श्रेणी के रूप में उभरे हैं, जो सरकार की पीएलआई योजना के तहत एक बड़ी सफलता की कहानी है।

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