अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किसान ट्रस्ट ने पहले अपराजिता सम्मान समारोह के आयोजन के साथ महिलाओं की प्रत्यास्थता, प्रगति एवं सशक्तीकरण का जश्न मनाया। यह आयोजन उन महिलाओं के कल्याण और लिंग समानता के लिए ट्रस्ट की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं।
शाम की शुरूआत स्पेशल ओलम्पिक्स भारत की प्रेज़ीडेन्ट एवं एशिया पेसिफिक अडवाइज़री काउन्सिल की चेयरपर्सन डॉ मल्लिका नड्डा के स्वागत के साथ हुई, जिन्होंने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम के दौरान सामाजिक न्याय, महिला सशक्तीकरण और ग्रामीण विकास की दिशा में ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर रोशनी डाली गई। इस आयोजन ने प्रेरक कहानियों एवं अर्थपूर्ण विचार-विमर्श के लिए महत्वपूर्ण मंच की भूमिका निभाई।
एसिड अटैक से उबरी महिलाओं का सशक्तीकरण, मर्यादा एवं गरिमा की दिशा में एक कदम
मिस साहिरा सिंह के नेतृत्व में आयोजित यह सत्र शाम के सबसे शक्तिशाली पलों से एक रहा, जहां एसिड अटैक से उबर कर जीत हासिल करने वाली महिलाओं को समर्थन देने पर फोकस किया गया। इन बहादुर महिलाओं ने शारीरिक, भावनात्मक एवं सामाजिक चुनौतियों के बावजूद अपने जीवन को नई राह दी है। किसान ट्रस्ट ने इन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की, डॉ मल्लिका नड्डा ने उन्हें अपने हाथ से चैक सौंपे। ट्रस्ट का यह कदम इन महिलाओं को गरिमा, आत्मविश्वास एवं स्वतन्त्रता के साथ जीवन जीने में मदद करने की ट्रस्ट की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
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डॉ मल्लिका नड्डा ने सभा को सम्बोधित करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए महिला सशक्तीकरण बेहद अनिवार्य है। उन्होंने महिलाओं के लिए एक समान अवसरों, वित्तीय समावेशन तथा नीतिगत बदलावों की बात कही। एक ऐसा माहौल बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया जहां महिलाएं सही मायनों में विकसित हो सकें।
‘यह देखकर बेहद खुशी होती है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की महिलाएं इस तरह आगे बढ़कर आत्मनिर्भर भारत की भावना को साकार कर रही हैं। महिलाओं को परिवार, समाज और देश में अपनी भूमिका को समझना चाहिए। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी हमेशा महिला-उन्मुख विकास के पक्ष में रहे हैं और आज हम इसी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। महिलाएं एक दूसरे के कल्याण के लिए सहयोग प्रदान करती हैं, तब वे परिवर्तन की नई लहरों को जन्म देती हैं। उनकी दृढ़ता की कोई सीमा नहीं है, उनकी उपलब्धियां पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं।’
किसान ट्रस्ट की ओर से बात करते हुए श्रीमति चारू सिंह, ट्रस्टी ने प्रेरक संदेश दियाः
अपने सम्बोधन के दौरान किसान ट्रस्ट की ट्रस्टी श्रीमति चारू सिंह ने एक शक्तिशाली संदेश देते हुए समावेशी बातचीत के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने विभिन्न पृष्ठभुमि से आई महिलाओं के साथ अपने अनुभव साझा किएः ‘इस तरह की पैनल चर्चाएं एवं बातचीत अक्सर बड़े शहरों तक ही सीमित होती हैं और ज़्यादातर मामलों में ऐसी चर्चाएं अंग्रेज़ी भाषा में की जाती हैं। लेकिन वास्तविकता तो यह है कि महिलाएं चाहें शहर में रहें या गांव में, वे प्रोफेशनल कर्मचारी हों या गृहिणियां- हमारे जीवन में कई समानताएं हैं। हमारी ज़रूरतें, हमारे मुद्दें और हमारे संघर्ष एक जैसे हैं। ऐसे में ज़रूरी है हम साथ मिलकर काम करें, अपने विचारों और अनुभवों को साझा करें, अपने वर्तमान में सुधार लाएं और एक मजबूत भविष्य की ओर आगे बढ़ें।’
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उन्होंने उम्मीद जताई कि अपराजिता सम्मान समारोह में होने वाली चर्चा समाज पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेगीः
‘मुझे उम्मीद है कि इस मंच पर होने वाली चर्चा आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। हो सकता है कि इस विचार-विमर्श को सुनने के बाद आप अपने जीवन में कुछ बदलाव लाने के बारे में सोचें। यह सत्र निश्चित रूप से आपको आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत और रोल मॉडल बनने के लिए प्रेरित करेगा।’
गहन पैनल चर्चाः महिलाओं का स्वास्थ्य, डिजिटल समावेशन और आर्थिक सशक्तीकरण कार्यक्रम के दौरान दो पैनल चर्चाएं आयोजित हुईं, जिनमें महिलाओं को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर रोशनी डाली गई
महिलाओं का स्वास्थ्य और कल्याण
पहली पैनल चर्चा के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे माहवारी एवं हॉर्मोनल स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य एवं फिटनैस पर विचार-विमर्श किया गया। विशेषज्ञों ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर आहार के प्रभाव तथा स्वास्थ्य और चिकित्सा के बारे में जागरुकता के महत्व पर विचार रखे। उन्होंने बताया कि किस तरह नीतिगत बदलाव और बुनियादी प्रयासों के द्वारा सुनिश्चित किया जा सकता है कि महिलाओं के स्वास्थ्य की अनदेखी न की जाए।
पैनल चर्चा में हिस्सा लेने वाले दिग्गजों में शामिल थे-
दीपिका आनंद- ऑपरेशन्स ऑफिसर, वर्ल्ड बैंक, डॉ शेहला जमाल- सीनियर गायनेकोलोजिस्ट, सर्वोदय हॉस्पिटल एवं संस्थापक, सोसाइटी ऑफ मैन्स्ट्रुअल डिसऑर्डर, इशी खोसला- क्लिनिकल न्युट्रिशनिस्ट, लेखिका एवं संस्थापक, होल फूड्स एण्ड द सेलियक सोसाइटी ऑफ इंडिया, शेफालिका पांडा- ट्रस्टी एवं सीईओ, बनसिधार और ईला पांडा फाउन्डेशन जो प्रोजेक्ट उन्नति का नेतृत्व करते हैं
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डिजिटलीकरण एवं महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण
दूसरी पैनल चर्चा में इस बात पर रोशनी डाली गई कि किस तरह टेक्नोलॉजी महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में गेम-चेंजर साबित हो सकती है। चर्चा के दौरान फाइनैंशियल एवं डिजिटल साक्षरता के द्वारा महिलाओं, खासतौर पर ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण की बात कही गई। साथ ही उद्यमिता एवं फाइनैंशियल स्थिरता में डिजिटल टूल्स के महत्व पर भी विचार रखे गए। विशेषज्ञों ने डिजिटल अंतराल दूर करने, ज़िम्मेदाराना डिजिटल उपयोग तथा महिलाओं के लिए नए अवसरों के निर्माण में एआई की भूमिका पर भी विचार-विमर्श किया।
इस पैनल चर्चा में हिस्सा लेने वाले दिग्गजों में शामिल थे-
अर्चना व्यास- डायरेक्टर, प्रोग्राम एडवोकेसी एण्ड कम्युनिकेशन्स, गेट्स फाउन्डेशन, डॉ उमंग माथुर- सीईओ, डॉ श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल, संस्थापक- आई बैंक एवं आद्या इनीशिएटिव, सान्या सेठ- कंट्री प्रोग्राम मैनेजर, यूएन वुमेन, दोनों चर्चाओं के बाद इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन हुआ, जहां उपस्थितगणों को सीधे विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने और विचारों के आदान-प्रदान का अवसर मिला।
बदलाव की शपथ के साथ समापन
शाम का समापन श्रीमति वीना नबर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, उन्होंने उन सामुहिक प्रयासों की सराहना की, जिनकी वजह से यह आयोजन संभव हो पाया। सभी ने मिलकर देश की एकजुटता को प्रतीक राष्ट्र गान गाया। यह मंच डॉक्टरों, वकीलों, अध्यापकों, गृहिणियों तथा नेशनल लोक दल की वुमेन्स विंग (नारी शक्ति संगठन) के लीडरों को एक मंच पर लाया। इनमें हिस्सा लेने वाले कुछ गणमान्य अतिथियों में – श्रीमति पूनम शर्मा, प्रेज़ीडेन्ट, फिक्की एफएलओ, मिस सारा अब्दुल्लाह, श्रीमति अनुकंत दुबे शामिल थे। दिल्ली, मेरठ, बागपत, मथुरा, गाज़ियाबाद और मुज़फ्फरनगर से प्रतिनिधियों ने समारोह में हिस्सा लिया था।
अपराजिता सम्मान समारोह के माध्यम से किसान ट्रस्ट समावेशी एवं एक समान समाज के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है- जहां महिलाएं न सिर्फ भागीदार होंगी बल्कि भारत के भविष्य को आकार देने में अग्रणी भूमिका भी निभाएंगी।