फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला जाति विशेष को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी से जुड़ा है। बता दें, अनुराग कश्यप फिल्म ‘फुले’की रिलीज पर लगी रोक को लेकर नाराज नजर आए थे। इसके लिए उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए नाराजगी भी जताई थी। इसी बीच उन्होंने एक जाति विशेष को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए टिप्पणी की थी। जिसके लिए अब सोशल मीडिया पर उनकी कथित टिप्पणी के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की मांग की जा रही है। वकील आशुतोष दुबे ने इस संबंध में मुंबई पुलिस आयुक्त को एक पत्र लिखकर अनुराग कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। दुबे का कहना है कि अनुराग कश्यप की टिप्पणी अपमानजनक, भड़काऊ और समाज में नफरत फैलाने वाली है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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— ADV. ASHUTOSH J. DUBEY 🇮🇳 (@AdvAshutoshBJP) April 18, 2025
अनुराग कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज
शिकायत के अनुसार, अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर ब्राह्मणों को लेकर अभद्र टिप्पणी की। अधिवक्ता दुबे का कहना है कि यह बयान न केवल अभद्र और आपत्तिजनक है, बल्कि यह एक विशेष समुदाय के प्रति नफरत और द्वेष को भड़काने वाला है। दुबे का आरोप है कि कश्यप की यह टिप्पणी भारतीय संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करती है और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आती है।
कानूनी कार्रवाई की मांग तेज
उन्होंने कहा कि एक सार्वजनिक व्यक्ति होने के नाते अनुराग कश्यप की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह अपने शब्दों से सामाजिक समरसता बनाए रखें, न कि किसी समुदाय को लक्षित कर अपमानित करें। दुबे ने मुंबई पुलिस से अनुरोध किया है कि इस कथित घृणास्पद टिप्पणी का त्वरित संज्ञान लिया जाए और बीएनएस की प्रासंगिक धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की जाए। साथ ही, मामले की गहराई से जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। फिलहाल इस पूरे मामले पर अनुराग कश्यप की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
यह पहली बार नहीं है जब अनुराग कश्यप अपने बयानों को लेकर विवादों में आए हैं। वे इससे पहले भी राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय के चलते आलोचना का शिकार हो चुके हैं।
क्या है पूरा मामला
बता दें, फिल्म ‘फुले’ की रिलीज पर लगी रोक, इसमें की गई सेंसरशिप से नाराज निर्देशक अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया। फिल्म ‘फुले’में जातिवाद के विषय को लेकर कहानी कही गई है। यह फिल्म समाज सुधारक ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले की जीवन पर आधारित है। उन्होंने दलितों और महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने अथक प्रयास किए। इनकी शिक्षा पर जोर दिया। इस फिल्म में सेंसरबोर्ड ने कई बदलाव करने को कहे, इस बात से ही अनुराग नाराज नजर आए। इसी बीच उन्होंने एक जाति विशेष को लेकर भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
निर्देशक अनुराग कश्यप का माफीनामा
सोशल मीडिया प्लेफॉर्म इंस्टाग्राम पर निर्देशक अनुराग कश्यप ने एक लंबा नोट शेयर करते हुए कहा, कोई भी कार्य या भाषण आपकी बेटी, परिवार या दोस्तों के लायक नहीं है।’ अनुराग ने अपने नोट में लिखा, ‘यह मेरी माफी है, मेरी पोस्ट के लिए नहीं, बल्कि उस एक पंक्ति के लिए जिसे संदर्भ से बाहर निकाल दिया गया और जो नफरत फैला रही है। कोई भी काम या भाषण इस लायक नहीं है कि आपकी बेटी, परिवार, दोस्त और सहकर्मी को संस्कार के सरगनाओं से बलात्कार और मौत की धमकियां मिलें, इसलिए जो कहा गया है उसे वापस नहीं लिया जा सकता है और मैं इसे वापस नहीं लूंगा, लेकिन अगर आप किसी को गाली देना चाहते हैं तो मुझे ही दें। मेरे परिवार ने न तो कुछ कहा है और न ही वे कभी बोलते हैं।