कृषि कानून करने रद्द करने की मांग पर अड़े रहे अन्नदाता, इसलिए बेनतीजा रही वार्ता : नरेंद्र तोमर - Punjab Kesari
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कृषि कानून करने रद्द करने की मांग पर अड़े रहे अन्नदाता, इसलिए बेनतीजा रही वार्ता : नरेंद्र तोमर

कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए

कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सातवें दौर की वार्ता में कोई रास्ता नहीं निकल पाया। वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि किसान यूनियन के नेता नए कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहे, इस कारण आज की वार्ता बेनतीजा रही, लेकिन उम्मीद है कि अमली बैठक में सार्थक चर्चा होगी। 
किसान नेताओं के साथ यहां विज्ञान भवन में हुई सातवें दौर की वार्ता में कृषि मंत्री तोमर के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद थे। तोमर ने कहा, “आज की वार्ता में बातचीत एमएसपी के मसले पर भी हुई, लेकिन किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग पर पड़े रहे।” किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद तोमर ने संवाददाताओं को बताया कि अब अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को होगी। उन्होंने कहा कि आज की बातचीत अच्छे माहौल में हुई और आशा है कि आगे सार्थक चर्चा होगी। 
वार्ता शुरू होने से पहले मंत्रियों ने किसान आंदोलन के दौरान दिवंगत हुए किसानों के प्रति दुख जताया। आगे उन्होंने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया, नववर्ष की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए किसान प्रतिनिधियों से किसान कल्याण से संबंधित मुद्दे पर चर्चा करने का अनुरोध किया। 
कृषि मंत्री ने कहा कि 30 दिसंबर, 2020 को आयोजित पिछली बैठक में चर्चा हुई थी कि उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों के मुद्दों का समाधान करने का हरसंभव प्रयास करने के लिए तत्पर है। साथ ही सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान के लिए हरसंभव प्रयासरत है। दोनों तरफ से कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है। सरकार सभी सकारात्मक विकल्पों को ध्यान में रखते हुए विचार करने के लिए तैयार है। मंत्री ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि सुधार कानूनों से संबंधित मुद्दे पर अन्य राज्यों के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भी बात की जाएगी। 
उन्होंने यह भी कहा, “हम इन तीनों कानूनों पर बिंदुवार चर्चा करेंगे और जिन-जिन बिंदुओं पर आपको आपत्ति हो, उन पर हम विचार करके यथाआवश्यक संशोधन करने के लिए तैयार हैं।” आज की बैठक में सरकार व किसान नेताओं में आपसी सहमति से यह तय किया गया कि आगे भी चर्चा जारी रहेगी। अगली बैठक 8 जनवरी, 2021 को दोपहर 2 बजे होगी। 

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