अमित शाह ने कहा कि बस्तर अब डर का नहीं बल्कि भविष्य का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि 2026 तक नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा और आत्मसमर्पण करने वालों को मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा। शाह ने बस्तर पंडुम कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति के संरक्षण की सराहना की और दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि अगले साल तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद खत्म होने की कगार पर है और भाजपा सरकार मार्च 2026 तक भारत को “लाल आतंक” की गिरफ्त से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले तीन महीनों में 521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। 2024 में कुल 881 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि जो लोग आत्मसमर्पण करेंगे उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा। लेकिन जो लोग हथियार रखना जारी रखेंगे, उनसे सुरक्षा बल निपटेंगे। बस्तर अब डर का नहीं बल्कि भविष्य का प्रतीक है, शाह ने बस्तर पंडुम कार्यक्रम में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा, अगले मार्च तक हम पूरे देश को इस लाल आतंक से मुक्त करने का काम करेंगे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार अगले मार्च तक पूरे देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का काम करेगी।
शाह ने यह भी याद किया कि कैसे पहले राजनीतिक नेताओं को इस क्षेत्र का दौरा करने से हतोत्साहित किया जाता था। उन्होंने कहा, नेताओं को यहां भाषण देने से रोका जाता था। मुख्यमंत्री कहते थे, ‘मत जाओ।’ लेकिन अब हम 50,000 आदिवासी भाइयों और बहनों के साथ राम नवमी और अष्टमी मना रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने शाह के साथ मंच साझा किया। इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप और रामविचार नेताम और भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव भी मौजूद थीं। बस्तर पंडुम समारोह के दौरान शाह ने स्थानीय कलाकारों को सम्मानित किया और आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने में उनके योगदान की प्रशंसा की।
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इससे पहले दिन में शाह ने दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस बीच, छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों को पहली बार प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) की एक विशेष परियोजना के तहत लाभ मिल रहा है। जिला पंचायत बलरामपुर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी नयनतारा सिंह तोमर ने शुक्रवार को बताया कि विशेष योजना के तहत नक्सली घटनाओं से प्रभावित या आत्मसमर्पण करने वालों को पीएमएवाई का लाभ दिया जा रहा है। तोमर ने कहा, 77 लोगों की सूची प्राप्त हुई थी, जिनमें से 30 पात्र पाए गए और 23 को पहले ही आवास के लिए मंजूरी दे दी गई है। तकनीकी मुद्दों को दूर करने के बाद, शेष 7 को भी मंजूरी दी जाएगी।