लखनऊ : केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने छात्र-छात्राओं को जीवन में कभी मर्यादा न तोड़ने की सीख देते हुये आज कहा कि वह भारत के गृह मंत्री हैं फिर भी मर्यादाओं को कभी नहीं तोडते। जीवन में मर्यादाओं का पालन करने से इंसान बड़ बनता है। उन्होंने कहा, संकल्प लेकर हम भारत को विश्व गुरू बनायेंगे। भारत के पास बहुत कुछ है, गुरूत्वाकर्षण का नियम पाइथागोरस थ्योरम भारत की देन है। कई ऐसी चीजें है जो भारत ने दी हैं। बस हम सबको संकल्प लेने की आवश्यकता है कि भारत को विश्व गुरू बनायेंगे, फिर भारत को विश्व गुरू बनने से कोई रोक नहीं सकता। भारत को विश्व गुरू बनाने में युवाओं का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होगा। गृह मंत्री ने लखनऊ विश्वविद्यालय के 60वें दीक्षांत समारोह में कहा कि स्वतंत्रता के बाद राजनीति ने अपने अर्थ और भाव को खोया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को खुद को राजनीतिक व्यवस्था से अलग नहीं रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संकल्प के बल पर जीवन में कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। सिंह ने कहा कि भारत के साहित्य और संस्कृति में ज्ञान का भंडार छिपा है। इसका उपयोग वर्तमान संदभो’ में सफलतापूर्वक किया जा सकता है। उन्होंने लखनरू विश्वविद्यालय के विद्वानों से आग्रह किया कि वे भारतीय ज्ञान पर शोध कर उसे दुनिया के समक्ष लाएं। सिंह ने कहा कि शिक्षा चरित्र का निर्माण करती है। उन्होंने कहा कि राम की तुलना में कहीं अधिक धनवान, बलवान और ज्ञानवान होने के बावजूद रावण का विनाश इसलिए हुआ क्योंकि उसका चारित्रिक पतन हो गया था। इस अवसर पर उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा डीएससी की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में कुल 97 विद्यार्थियों को 192 मेडल से सम्मानित किया गया। इसमें सबसे ज्यादा 161 मेडल छात्राओं को मिले। कार्यक्रम में उथर प्रदेश के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राम नाइक और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।
राजनाथ ने कहा, मनुष्य के जीवन में चरित्र का बहुत महत्व होता है, मैं सभी छात्रों से कहना चाहूंगा कि जीवन में मर्यादाओं को कभी मत तोड़ना। आज मैं भारत का गृह मंत्री हूं फिर भी मर्यादाओं को कभी नहीं तोड़ता हूं। उन्होंने टामस फ्रीजमैन के गार्जियन में एक छपे लेख इन्फोसिस बनाम अलकायदा का उदाहरण देते हुये कहा कि दोनों में युवा जी जान से मेहनत से काम करते है लेकिन एक युवा देश के विकास के लिये काम करते है जबकि अलकायदा के युवा विध्वंसकारी कामों के लिये काम करते है। गृह मंत्री ने कहा, मैं राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहा हूं। लोग कहेंगे कि राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वाला व्यक्ति मुझे उपदेश दे रहा है। मैं जानता हूं कि स्वंत्रत भारत की राजनीति में नेताओं की कथनी और करनी में अंतर होने के कारण भारत की राजनीति और भारत के जन नेताओं पर जन सामान्य विश्वास पहले की अपेक्षा कम हुआ है। लेकिन नौजवान साथियों इस सच्चाई को भी आप नकार नहीं सकते कि आपके जीवन को भी राजनीति की यह व्यवस्थायें प्रभावित करती है। वह राजनीति जो कि अपना अर्थ भी खो चुकी है, अपना भाव भी खो चुकी है क्या आप यह संकल्प नहीं लेंगे कि उसको हम पुन: राजनीति में स्थापित करेंगे। राजनीतिक व्यवस्था से अपने को अलग रखने की कोशिश मत करो।