नयी दिल्ली : कांग्रेस ने बीएचयू सहित देश के शिक्षण संस्थानों का आरएसएस-करण करने का आरोप लगाते हुए आज मांग की कि बीएचयू मामले की जांच के लिए वहां एक सर्वदलीय संसदीय शिष्टमंडल भेजा जाना चाहिए तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति को स्थायी रूप से छुट्टी पर भेज दिया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख राजबब्बर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बीएचयू में जिस तरह की घटना हुई उसकी वहां एक सर्वदलीय संसदीय शिष्टमंडल भेजकर जांच करवायी जानी चाहिए और इसकी रिपोर्ट केंद्र को सौंपी जानी चाहिए क्योंकि यह केंद्र का मामला है, प्रदेश का नहीं।
उन्होंने कहा कि बीएचयू के कुलपति ने जिस तरह से सफेद झूठ बोला है, गलतबयानी की है, मैं चाहता हूं कि देश को मीडिया के जरिए इसकी खबर जरऊर जानी चाहिए। आज सारे देश में शिक्षा संस्थाओं का, विश्वविद्यालयों, आईआईटी, चिकित्सा संस्थानों का आरएसएस-करण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, सबसे बड़ी बात तो यह है कि आरएसएस जिस सोच को बढ़ावा देता है, उस सोच की शुरऊआत हो चुकी। पहले विपक्ष को खत्म करना। विपक्ष के रूपर इस तरह के प्रहार करना कि वह रक्षात्मक मुद्रा में आ जाए। उसके बाद बुद्धिजीवियों के अंदर भय पैदा करना। फिर छात्र। उसके बाद पत्रकारों का समय आने वाला है क्योंकि ये उनका तौर तरीका हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वाराणसी के आयुक्त द्वारा राज्य के मुख्य सचिव राजीव कुमार को भेजी गयी प्राथमिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएचयू प्रशासन ने पीड़िता की शिकायत को संवनेदनशील तरीके से नहीं संभाला। ना ही स्थिति को सही वक्त पर संभाला। इसी वजह से इतना बड़ा बवाल हुआ। राज बब्बर ने बीएचयू के घटनाक्रम के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन, जिला प्रशासन एवं पुलिस एवं उनके अधिकारियों को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, कुलपति ने तो यहां तक कहा कि वहां किसी भी तरह का लाठीचार्ज नहीं हुआ है। लाठीचार्ज को दिखाते कई वीडियो उपलब्ध हैं। देश की आजादी के बाद शायद पहली बार ऐसा हुआ कि कुलपति की शह पर एक हजार अज्ञात विद्यार्थियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवायी गयी।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने नारा दिया था बेटी पढाओ – बेटी बचाओ। मैं उनसे पूछना चाहता हूं आपने किस तरह के लोगों के हाथ में बेटियों को दिलवा दिया। मा-बाप ने अपने घरों से इन बच्चियों को भेजा हॉस्टल में और वो भी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में। उनके अभिभावक कुलपति हैं और वह जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं। एक प्रश्न के उथर में उन्होंने कहा कि वह उप, सरकार द्वारा दिये गये न्यायिक जांच के आदेश से बिल्कुल संतुष्ट नहीं है। उन्होंने यह भी कहा, कुलपति को हमेशा के लिए छुट्टी पर भेज देना चाहिए और उन्हें किसी भी शिक्षा संस्थान में दुबारा से घुसने नहीं देना चाहिए।