ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने संसद द्वारा पारित वक्फ विधेयक का समर्थन किया है और सरकार से वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाने का आग्रह किया है। अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने वक्फ की जमीनों का सही उपयोग और महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की।
ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है, और सरकार से वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाने और महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि पहले की सरकारों और धार्मिक नेताओं को वह कदम उठाना चाहिए था जो सरकार ने आज उठाया है। उन्होंने मिडिया से कहा, सकारात्मक काम होना चाहिए। जो लोग वक्फ को दान देते हैं, उनकी मंशा होती है कि उनका दान गरीबों के लिए इस्तेमाल होगा… लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसा नहीं है कि सभी वक्फ जमीनों का दुरुपयोग किया गया, लेकिन वक्फ बोर्ड ने ईमानदारी से काम नहीं किया और जो करना चाहिए था, वह नहीं किया।
भूमंडलीकरण में महिलाएं अपहृत क्यों ?
हम सरकार से उम्मीद करते हैं और अनुरोध करते हैं कि अगर बिल आया है, तो वक्फ की जमीनों का इस्तेमाल पूरी पारदर्शिता के साथ गरीब तबके के लिए किया जाना चाहिए। आज तक किसी भी सरकार ने मुसलमानों के लिए काम नहीं किया और उन्होंने सिर्फ वोटों की राजनीति की। शाइस्ता अंबर ने कहा कि वक्फ की अतिक्रमित जमीनों को मुक्त कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हम भाजपा सरकार से महिलाओं के अधिकार प्रदान करने और वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने का अनुरोध करते हैं। अब तक अन्य दलों ने क्या किया, क्या वे सो रहे थे? मैं वर्तमान सरकार से अनुरोध करता हूं कि आज तक जो कुछ भी हुआ, उन्हें अब वक्फ की जमीनों को मुक्त करने में मदद करनी चाहिए, जिन पर अवैध कब्जा किया गया है, इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि मुस्लिम समुदाय की तलाकशुदा महिलाओं के लिए वक्फ संपत्ति पर मकान बनाए जाने चाहिए। उन्होंने अगस्त 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और मांग की थी कि वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाना चाहिए। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025, इस सप्ताह के प्रारम्भ में संसद द्वारा पारित किया गया। लोकसभा और राज्यसभा में इस विधेयक पर लंबी बहस हुई। इस विधेयक का भारत ब्लॉक के दलों द्वारा विरोध किया गया।