एयरसेल-मैक्सिस केस: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए अदालत ने CBI,ED को 3 महीने दिए - Punjab Kesari
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एयरसेल-मैक्सिस केस: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए अदालत ने CBI,ED को 3 महीने दिए

विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई सुनवाई में दोनों एजेंसियों द्वारा किये गये

दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस मामले में जारी अपनी जांच के सिलसिले में ब्रिटेन और सिंगापुर को भेजे अनुरोध पत्र पर जवाबी रिपोर्ट हासिल करने के लिये मंगलवार को तीन महीने का वक्त दिया। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई सुनवाई में दोनों एजेंसियों द्वारा किये गये अनुरोध को मंजूरी दे दी। इससे पहले, उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने अदालत से कहा कि अनुरोध पत्र भेजा गया है लेकिन जवाब प्राप्त नहीं हुआ है।
बहरहाल, अदालत ने मामले की सुनवाई तीन नवंबर तक के लिये स्थगित कर दी। अदालत अब इस विषय पर संज्ञान लेने के चरण में पहुंच गई है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल संजय जैन ने सीबीआई और ईडी की ओर से पेश होते हुए दलील दी कि अनुरोध पत्रों पर रिपोर्ट का अभी इंतजार है तथा ब्रिटेन और सिंगापुर में सक्षम प्राधिकारों को अनुरोध पत्र पर रिपोर्ट भेजने में तेजी लाने के लिये स्मरण पत्र भेजा गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने दलील दी कि रिपोर्ट प्राप्त करने में तीन महीने का वक्त लग सकता है और संज्ञान के बिंदु पर बहस के लिये विषय को स्थगित करने का अनुरोध किया, ताकि जरूरी रिपोर्ट प्राप्त हो जाए। न्यायाधीश ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल किये जाने के बाद पर्याप्त समय बीत चुका है लेकिन उक्त अनुरोध के मद्देजर मामले पर सुनवाई को स्थगित किया जाता है। न्यायाधीश ने कहा कि इसे तीन नवंबर 2020 के लिये सूचीबद्ध किया जाए।
उल्लेखनीय है कि अनुरोध पत्र एक तरह के न्यायिक अनुरोध होते हैं जिन्हें जांच एजेंसी के अनुरोध पर अदालतें तब जारी करती हैं जब वह अन्य देश से कोई सूचना/जानकारी चाहती है। सीबीआई यह जांच कर रही है कि कार्ति चिदबंरम ने 2006 में एयरसेल-मैक्सिस करार के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से किस तरह से मंजूरी प्राप्त की। उस वक्त उनके पिता केंद्रीय वित्त मंत्री थे। ईडी के विशेष सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि ईडी इस अपराध में धन शोधन के पहलू की जांच कर रही है। सीबीआई और ईडी ने आरेाप लगाया है कि पी चिदंबरम ने संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहने के दौरान कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिये इस करार को मंजूरी दी और इसके एवज में रिश्वत लिये थे।

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