लद्दाख में एयरबेस का काम शुरू, सशस्त्र बलों के लिए गेम चेंजर : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह - Punjab Kesari
Girl in a jacket

लद्दाख में एयरबेस का काम शुरू, सशस्त्र बलों के लिए गेम चेंजर : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

सीमा सड़क संगठन ने हवाई क्षेत्र पर काम करना शुरू कर दिया है। यह उन सैनिकों के लिए

सीमा सड़क संगठन ने हवाई क्षेत्र पर काम करना शुरू कर दिया है। यह उन सैनिकों के लिए एक खास जगह होगी जो लद्दाख में तैनात हैं। यह दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई अड्डों में से एक होगा, जिससे हमारी सेना को काफी मदद मिलेगी। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख के न्योमा में एयरफील्ड का काम शुरू किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक इसे लद्दाख में अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के लिए स्टेजिंग ग्राउंड के रूप में विकसित किया जाएगा। यह दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्रों में से एक होगा, जो हमारे सशस्त्र बलों के लिए एक गेम चेंजर जैसा होगा।
इस परियोजना का शिलान्यास किया
न्योमा इलाके में बनाई जा रही यह एयरफील्ड विश्व का सबसे ऊंचा लड़ाकू हवाई क्षेत्र होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एयरफील्ड चाइना बॉर्डर से लगभग सिर्फ 35 किलोमीटर दूर है। 3 वर्षों में भारतीय वायु सेना का यह एयरबेस बनकर तैयार होगा। इसके उपरांत वायु सेना के लड़ाकू विमान यहां से उड़ान भर व उतर सकेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 सितंबर को जम्मू से इस परियोजना का शिलान्यास किया। एलएसी पर चीनी सेना के साथ चल रहे तनाव को देखते हुए यह फैसला काफी अहम है। एयरफील्ड के निर्माण में कुल 218 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
लद्दाख की जास्कर घाटी से जोड़ेगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि बीआरओ को हाल ही में शिंकुला सुरंग के निर्माण का काम भी सौंपा गया है, जो हिमाचल में लाहौल-स्पीति को लद्दाख की जास्कर घाटी से जोड़ेगा। यह हिमाचल और लद्दाख के बीच ऑल वेदर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। रक्षा मंत्री ने कहा, मुझे यह बताया गया कि 15,855 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग, दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी, जो बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा स्थापित एक और अनोखा रिकॉर्ड होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 − 3 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।