Ahmedabad Plane Crash: पहले भी कई बार आ चुकी हैं बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में तकनीकी समस्याएं - Punjab Kesari
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Ahmedabad Plane Crash: पहले भी कई बार आ चुकी हैं बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में तकनीकी समस्याएं

बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में तकनीकी समस्याएं

अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की दुर्घटना ने इस विमान की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस विमान में पहले भी तकनीकी खामियां देखी गई हैं, जैसे 2013 में बैटरी में आग लगने की घटना। वर्तमान में दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है, जबकि 242 यात्री और 10 क्रू मेंबर्स सवार थे।

बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर को पूरी दुनिया में अपनी एडवांस टेक्नोलॉजी और ईंधन दक्षता के लिए जाना जाता है, लेकिन बीते कई वर्षों में इसमें कई तकनीकी और सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं भी सामने आई हैं। अहमदाबाद में गुरुवार को एयर इंडिया की फ्लाइट एआई 171 क्रैश होने के बाद एक बार फिर से इस एयरक्राफ्ट को लेकर सवाल उठने लगे हैं।अहमदाबाद से लंदन जा रही इस फ्लाइट में 242 लोग सवार थे, जिसमें से 10 क्रू मेंबर्स थे।

बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का उपयोग लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बड़े स्तर पर दुनिया की एयरलाइनों द्वारा किया जाता है और इसे आधुनिक और कुशल विमान माना जाता है, लेकिन इसमें कई बार सुरक्षा संबंधी चिंताएं सामने आई हैं। 2013 में लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद वैश्विक स्तर पर ड्रीमलाइनर्स मॉडल के सभी विमानों को उड़ान भरने से रोक दिया गया था। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में खामी के कारण जापान एयरलाइंस के जेट में आग लग गई थी।

इन घटनाओं के कारण यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने ड्रीमलाइनर का परिचालन तब तक के लिए स्थगित कर दिया, जब तक बोइंग ने बैटरी प्रणाली को पुनः डिजाइन नहीं कर लिया।2024 में बोइंग फिर से जांच के दायरे में आ गई, जब कंपनी के एक इंजीनियर और व्हिसलब्लोअर सैम सालेहपुर ने कथित तौर पर अमेरिकी सीनेट को ड्रीमलाइनर के बॉडी में संरचनात्मक समस्याओं के बारे में बताया।

उन्होंने दावा किया कि छोटे गैप और अनुचित असेंबली से जल्दी घिसाव और संभावित संरचनात्मक खराबी हो सकती है। एफएए ने एक जांच शुरू की, जो अभी भी जारी है।इन सब खामियों के बाद भी बोइंग ने इसका प्रचार एक आधुनिक एयरक्राफ्ट के रूप में किया है।इस साल मार्च में लैटम एयरलाइंस द्वारा संचालित बोइंग 787-9 में उड़ान के दौरान अचानक ऊंचाई में गिरावट आई, जिससे 50 लोग घायल हो गए। बाद में इसका कारण कॉकपिट सीट में खराबी को बताया गया।

पिछले कुछ वर्षों में पायलटों ने इंजन में बर्फ जमने, ईंधन रिसाव, जनरेटर और बिजली सिस्टम में खराबी जैसी समस्याओं की भी रिपोर्ट की है।फ्लाइटराडार24 के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान ने 2013 में अपनी पहली उड़ान भरी थी और जनवरी 2014 में एयर इंडिया को सौंप दिया गया था।अहमदाबाद में विमान दुर्घटना के कारणों की अभी भी एयर इंडिया और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जांच की जा रही है।

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