आदिवासियों के विरोध के बाद झुकी सरकार - Punjab Kesari
Girl in a jacket

आदिवासियों के विरोध के बाद झुकी सरकार

NULL

रायपुर : छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की जमीन की खरीद फरोख्त में छूट देने के मामले में रमन सरकार बैकफुट पर आ गई। विपक्ष के आक्रामक विरोध ओर आदिवासियों के सड़कों पर उजरने के बाद सरकार की ओर से लाए गए संशोधन विधेयक को वापस ले लिया गया। इस मामले में सरकार को नुकसान होने की आशंका जताई गई थी।

माना जा रहा है कि सरकार के बैकफुट में आने के बाद अब आदिवासियों को साधने की कोशिशें होगी। दरअसल, भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के जरिए सरकार ने आदिवासियों की जमीन खरीदी बिक्री मामले में प्रतिबंध हटा दिया था। पूर्व में लंबे समय से चल रहे कानून के तहत आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासी द्वारा खरीदने के पेंच थे। इस संशोधन के बाद आदवासी की जमीन किसी भी गैर आदिवासी को बेचने की छूट दे दी गई।

वहीं इसमें कलेक्टर की अनुमति भी अनिवार्य नहीं थी। इस मामले में आदिवासी समाज ने सड़कों पर उतरकर विरोध किया था। वहीं विपक्ष ने भी राजभवन तक मार्च करने के साथ राष्ट्रपति को भी इससे अवगत कराया था। विपक्ष के लगातार दबाव के बाद राजनीतिक हमले भी तेज हो गए थे। इधर खुद सत्ताधारी दल में भी आदिवासी विधायकों ने इसका विरोध किया था। अंदरूनी तौर पर इसके विरोध के साथ पार्टी को नुकसान होने की आशंका जता दी थी।

सूत्रों के मुताबिक आदिवासी संगठनों के मुख्यमंत्री से चर्चा से इंकार के बाद नए सिरे से रणनीति तय की गई थी। वहीं राज्यपाल से पुनर्विचार के निर्देश मिलने के बाद सरकार ने संशोधन विधेयक वापस ले लिया। इस मामले में आगामी विधानसभा सत्र में विधिवत प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। प्रदेश के कई जिलों में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में उद्योगों को अनुमति दी गई है। वहीं जनसुनवाई में सहमति के दावे के साथ जमीन अधिग्रहित कर ली गई। हालांकि सरकार का दावा है कि यह विधेयक केवल सरकारी प्रायोजन के लिए ही लाया गया था।

अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक  करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

6 + eight =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।