रायपुर: छत्तीसगढ़ में आबकारी नीति में बदलाव के बाद सरकार की ओर से सख्ती शुरू की गई है। शराब बेचने का कारोबार अपने हाथों में लेने के बाद से ही सरकार ने मानिटरिंग भी तेज की है। इधर अधिक दामों में सरकारी शराब दुकानों से ही बिक्री की शिकायतें भी लगातार मिल रही थी। यही वजह है कि सरकार ने अब जांच का निर्णय लिया है। अधिक कीमतों में शराब की बिक्री की शिकायतों पर विस्तृत जांच होगी। इस साल शराब के कारोबार में ही सरकार को करीब 1500 करोड़ रूपए राजस्व मिलने के अनुमान हैं।
विभागीय समीक्षा के दौरान यह मामला सामने आने के बाद जांच को लेकर निर्देश दे दिए गए। इधर सरकार की ओर से शराब बिक्री के बावजूद अभी भी कई क्षेत्रों में अवैध शराब की बिक्री को लेकर भी शिकायतें आई है। हालांकि अफसरों ने जरूर इससे इंकार कर दिया है। इसके बावजूद अफसरों को साफ तौर पर निर्देश दे दिए गए हैं कि शराब की तस्कर और अवैध शराब के प्रकरण सामने आने के बाद संबंधित अफसरेां और कर्मचारियों पर जवाबदेही तय होगी।
दरअसल, कुछ शराब दुकानों से तय कीमतों से अधिक दर में शराब बेचे जाने के मामले सामने आ रहे हैं। शराब दुकानों का संचालन करने वाला अमला ही मुनाफाखोरी में लगा हुआ है। लगभग सभी जिलों से इसी तरह की शिकायतें सामने आ रही है। विभाग ने इस तरह के गड़बडिय़ों की शिकायतों पर बाकायदा टोल फ्री नंबर जारी किया है। वहीं टोल फ्री नंबर आने के बाद ही बीते माह ही बड़ी तादाद में शिकायतें सामने आई थी।
इन शिकायतों की जांच भी कराई गई है। सरकार ने राज्य में अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए अफसरों की टीम गठित की है। दो अूक निर्देश भी दिए गए हैं कि वे सीमावर्ती जिलों में बाहर से आने वाले अवैध शराब पर नजर रखें. इसके लिए संबंधित अफसरों को उडऩदस्ते के साथ तालमेल कर मानिटरिंग के लिए भी कहा गया है।