पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए निर्दयी आतंकी हमले के जवाब में भारत ने बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया। इसके बाद विदेश मंत्रालय (MEA) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी और अस्थायी सभी सदस्यों को इस अभियान की विस्तृत जानकारी दी। इस बैठक में भारत स्थित चीन के राजदूत सू फेइहोंग भी मौजूद रहे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि यह हमला केवल जवाबी कार्रवाई नहीं था, बल्कि शांति और सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए जरूरी कदम था। इस दौरान सेना की ओर से अभियान के वीडियो भी दिखाए गए, जिनमें आतंकियों के ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट होते देखा गया।
आतंकी अड्डों पर सीधा प्रहार, 9 ठिकाने तबाह
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह हुए ऑपरेशन में कुल 9 आतंकवादी शिविरों को पूरी तरह से तबाह किया गया। इन ठिकानों का चुनाव इस प्रकार किया गया था कि नागरिक जीवन और संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे।
मुंबई हमलों से जुड़े प्रशिक्षण स्थलों पर भी कार्रवाई
कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जिन ठिकानों पर हमला किया गया, उनमें मुरिदके और सरजल जैसे कैंप शामिल थे, जहां डेविड हेडली और अजमल कसाब जैसे आतंकी प्रशिक्षित हुए थे। इसके अलावा सियालकोट के महमूना जोया, कोटली स्थित मार्कज अब्बास, बारनाला और मार्कज अहले हदीस जैसे अड्डों पर भी प्रहार किए गए।
भारत को UNSC स्थायी सीट दिलाने पर फ्रांस का जोर
भारत का वैश्विक मंचों पर स्पष्ट संदेश
UNSC को दी गई जानकारी यह दर्शाती है कि भारत सिर्फ अपने सीमाओं की सुरक्षा ही नहीं बल्कि आतंक के खिलाफ वैश्विक एकजुटता चाहता है। चीन जैसे देशों की भागीदारी इस संवाद की राजनयिक गंभीरता को भी दर्शाती है। विक्रम मिस्री ने बताया कि पहलगाम में अधिकतर पीड़ितों को नजदीक से गोली मारी गई और यह सब उनके परिजनों के सामने किया गया ताकि एक संदेश फैलाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल हिंसा नहीं था, बल्कि कश्मीर में लौटती शांति को विफल करने की सोची-समझी साजिश थी।