चंद्रययान 3 ने चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करके भारत ने इतिहास रच दिया, चांद पर पहुंचने के बाद इसरो ने सूरज तक पहुंच बनाने के लिए 2 सितंबर को आदित्य एल-1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, अब इसरो समुद्र के रहस्यों को जानने के लिए एक और नया मिशन पर कार्य करने शुरु कर दिया है, भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने 11 सितंबर को सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी शेयर करते हुए इसरो का अगला मिशन समुद्रयान या ‘मत्स्य 6000’ है, इस समुद्रयान को चेन्नई के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी में तैयार किया जाने पर कार्य जोरोशोरों पर चल रहा है।
Next is “Samudrayaan”
This is ‘MATSYA 6000’ submersible under construction at National Institute of Ocean Technology at Chennai. India’s first manned Deep Ocean Mission ‘Samudrayaan’ plans to send 3 humans in 6-km ocean depth in a submersible, to study the deep sea resources and… pic.twitter.com/aHuR56esi7— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 11, 2023
जानें समुद्रयान मिशन से क्या मिलेगा उपलब्धियां
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस समुद्रयान के जरिए 3 लोगों को समुद्र की 6000 मीटर की गहराई तक भेजा जाएगा, वहां पहुंचकर वैज्ञानिक समुद्र के स्रोतों और जैव-विविधता का अध्ययन कर सकेंगे, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट करते हुए ये भी साफ कर दिया कि इस प्रोजेक्ट का समुद्री इकोसिस्टम पर कोई असर नहीं पड़ेगा, उन्होंने कहा कि मिशन समुद्रयान एक डीप ओशन मिशन है, जिसे ब्लू इकोनॉमी को डेवलप करने के लिए किया जा रहा है, इससे समुद्र के अंदर की जो जानकारी मिलेगी, उससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा, इससे समुद्री संसाधनों का भी सही उपयोग हो सकेगा।
समुद्रयान मिशन से किन किन चीजों की होगी खोज
यह भारत का पहला पनडुब्बी मिशन है, जिसमें वैज्ञानिक समुद्र की गहराई में 6000 मीटर तक जाकर विशेष उपकरणों और सेंसर्स के माध्यम से वहां की परिस्थितियों और संसाधनों पर रिसर्च करेंगे, यह अभियान भारत के लिए इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके जरिए समुद्र के उन क्षेत्रों के बारे जाना जा सकेगा जिसके बारे में अभी तक कोई भी मनुष्य नहीं खोज सका है, कोई नहीं जानता या फिर दुनिया को बहुत ही कम जानकारी है।
समुद्रयान मिशन की ये होगी खासियत
समुद्रयान अभियान के जरिए महासागरों की गहराइयों में निकल, कोबाल्ट, मैगनीज जैसे दुर्लभ खनिजों की खोज में मदद मिलेगी, यह मानव युक्त मिशन है इसलिए सीधे तौर पर इन खनिजों का परीक्षण और नमूना संग्रह हो सकेगा, समुद्रयान की डिजाइन को अंतिम चरण दे दिया गया है, इस मिशन को पूरा करने वाली मत्स्य 6000 नाम की इस सबमर्सिबल की टेस्टिंग बंगाल की खाड़ी में की जाएगी, पहले ट्रायल में इसे समुद्र के अंदर 500 मीटर तक की गहराई में भेजा जाएगा और साल 2026 तक ये सबमर्सिबल तीन भारतीयों को महासागर के 6000 मीटर की गहराई में ले जाएगा।