पश्चिम बंगाल बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2025 घोषित: 90.79% स्टूडेंट्स सफल, रूपायन पॉल बने टॉपर - Punjab Kesari
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पश्चिम बंगाल बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2025 घोषित: 90.79% स्टूडेंट्स सफल, रूपायन पॉल बने टॉपर

पश्चिम बंगाल बोर्ड 12वीं में रूपायन पॉल ने मारी बाजी

पश्चिम बंगाल बोर्ड ने 12वीं परीक्षा 2025 के नतीजे घोषित किए, जिसमें 90.79% छात्र सफल रहे। रूपायन पॉल ने 99.4% अंकों के साथ टॉप किया। कुल 4,73,919 छात्रों में से 4,30,286 पास हुए। छात्राओं की तुलना में छात्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा।

पश्चिम बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन (WBCHSE) ने बुधवार को 12वीं बोर्ड परीक्षा 2025 के नतीजे घोषित कर दिए। बोर्ड अध्यक्ष ने कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पास प्रतिशत, टॉपर्स की सूची और जिलेवार प्रदर्शन की जानकारी दी। इस साल परीक्षा में शामिल हुए 4,73,919 छात्रों में से 4,30,286 छात्र-छात्राएं सफल रहे। कुल मिलाकर पास प्रतिशत 90.79% रहा, जो पिछले वर्ष के 90% से थोड़ा बेहतर है। छात्र इस बार 92.38% पास हुए जबकि छात्राएं 88.18% पास प्रतिशत के साथ पिछड़ गईं। इस बार के नतीजे दर्शाते हैं कि छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन कर शीर्ष पर जगह बनाई है, जिसमें रूपायन पॉल ने 99.4% अंकों के साथ पूरे राज्य में टॉप किया।

यहां देखें नतीजे wbchse.wb.gov.in

रूपायन पॉल ने किया टॉप, 72 स्टूडेंट्स टॉप 10 में

इस वर्ष 12वीं परीक्षा के टॉप 10 में कुल 72 छात्रों ने जगह बनाई है, जिन्होंने विभिन्न स्ट्रीम्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। विज्ञान, वाणिज्य और कला तीनों ही धाराओं में छात्रों ने संतुलित सफलता दर्ज की है। रूपायन पॉल ने 99.4% अंक प्राप्त कर पूरे राज्य में पहला स्थान हासिल किया, जिससे शिक्षा जगत में उनकी चर्चा हो रही है।

जिलेवार प्रदर्शन: पूर्व मेदिनीपुर और उत्तर 24 परगना आगे

राज्य के कुछ जिलों ने विशेष रूप से शानदार प्रदर्शन किया है। पूर्व मेदिनीपुर ने 95.74% पास प्रतिशत के साथ सबसे बेहतर परिणाम दर्ज किया। उसके बाद उत्तर 24 परगना में 93.53% और कोलकाता में 93.43% छात्र सफल हुए। इन जिलों की निरंतर सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में वहां गंभीरता से काम किया जा रहा है।

लड़कों ने मारी बाज़ी, पिछले साल की तुलना में सुधार

पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार नतीजों में सुधार देखने को मिला है। वर्ष 2024 में कुल पास प्रतिशत 89% रहा था, जबकि इस बार यह बढ़कर 90.79% हो गया है। दिलचस्प रूप से, पिछली बार छात्राएं आगे थीं, परंतु इस बार छात्र 92.38% पास प्रतिशत के साथ आगे निकल गए हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव के पीछे सटीक रणनीति और नियमित अभ्यास का योगदान है।

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