प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9 साल बेमिसाल, 238 करोड़ से अधिक सिलेंडर हुए रिफिल : हरदीप पुरी - Punjab Kesari
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प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9 साल बेमिसाल, 238 करोड़ से अधिक सिलेंडर हुए रिफिल : हरदीप पुरी

उज्ज्वला योजना: 9 वर्षों में 238 करोड़ सिलेंडर रिफिल

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9 वर्षों में 238 करोड़ से अधिक सिलेंडर रिफिल हुए हैं, जिससे 10.33 करोड़ से ज्यादा परिवारों को लाभ मिला है। हरदीप पुरी ने इसे नारी सशक्तीकरण और स्वास्थ्य का वरदान बताया। योजना ने ग्रामीण और वंचित परिवारों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराकर पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया है।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ बीते 9 वर्षों में नारी सशक्तीकरण की मिसाल बनी और 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों को योजना का लाभ मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 1 मई 2016 को शुरू ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के 9 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से हुई थी। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) ने ग्रामीण और वंचित परिवारों को एलपीजी जैसे स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएमयूवाई शुरू की थी।

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केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “उज्ज्वला योजना के 9 साल, 10.33 करोड़ से ज्यादा परिवार खुशहाल!”केंद्रीय मंत्री पुरी ने आगे लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ नारी सशक्तीकरण की मिसाल बनी है और गृहणियों के लिए स्वास्थ्य का वरदान बनी है!”केंद्रीय मंत्री पुरी ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएमयूवाई के इन 9 वर्षों में 238 करोड़ से अधिक सिलेंडर रिफिल हुए, जो इस योजना की सफलता को दर्शाता है।

इसके अलावा, उन्होंने बताया कि योजना के तहत अब तक 11,670 नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर के जुड़ने से सिलेंडर की डिलीवरी सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में भी संभव हुई। पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन के इस्तेमाल से ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन का पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ता है।यह योजना उन ग्रामीण और वंचित परिवारों के लिए एक वरदान बनी है, जो खाना पकाने के लिए ईंधन के रूप में जलावन, लकड़ी, कोयला, गोबर के उपलों का इस्तेमाल करते थे।पीएमयूवाई का उद्देश्य गरीब परिवारों की वयस्क महिलाओं को बिना डिपॉजिट के एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध करवाना है। इस योजना के साथ केंद्र सरकार स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रही है।

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