महिला नागा साधु : 246 महिलाओं ने ली नागा दीक्षा, महाकुंभ में नारी शक्ति ने रचा नया अध्याय - Punjab Kesari
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महिला नागा साधु : 246 महिलाओं ने ली नागा दीक्षा, महाकुंभ में नारी शक्ति ने रचा नया अध्याय

महाकुंभ 2025 धार्मिक और सामाजिक चेतना के इतिहास में एक नया अध्याय लिख रहा है…

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 धार्मिक और सामाजिक चेतना के इतिहास में एक नया अध्याय लिख रहा है। इसमें न केवल लाखों श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं, बल्कि सनातन धर्म में नारी शक्ति और युवा चेतना की भागीदारी भी बड़ी संख्या में देखी जा रही है।

नारी शक्ति का ऐतिहासिक योगदान

– महाकुंभ में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने एक नया इतिहास रच दिया है।

– 246 महिलाओं को नागा संन्यासिनी दीक्षा दी गई, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

– इन महिलाओं में बड़ी संख्या में उच्च शिक्षित और आत्म चिंतन की प्रवृत्ति रखने वाली महिलाएं शामिल हैं।

– 2019 के कुंभ में 210 महिलाओं को दीक्षा दी गई थी, लेकिन इस बार संख्या ने नया रिकॉर्ड कायम किया।

– संन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की अध्यक्ष डॉ. देव्या गिरी ने बताया कि इस बढ़ी हुई भागीदारी का श्रेय महिलाओं की बढ़ती आध्यात्मिक रुचि और उनके आत्म-निर्णय को जाता है।

सनातन से जुड़ने का बढ़ता आकर्षण

– योगी आदित्यनाथ सरकार के दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ आयोजन ने लोगों को सनातन धर्म से जोड़ने का मंच प्रदान किया है।

– सभी प्रमुख अखाड़ों में 7,000 से अधिक महिलाओं ने गुरु दीक्षा ली और सनातन धर्म की सेवा का संकल्प लिया।

– जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी और वैष्णव संतो के धर्माचार्यों में सनातन से जुड़ने वालों में महिलाओं की संख्या अभूतपूर्व रही।

नई पीढ़ी में बढ़ती रुचि

– दिल्ली यूनिवर्सिटी और गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के शोध से यह सामने आया है कि महाकुंभ में नई पीढ़ी की महिलाओं की भागीदारी में 40% वृद्धि हुई है।

– महाकुंभ में आने वाले हर 10 श्रद्धालुओं में 4 महिलाएं होती हैं।

– युवाओं में सनातन धर्म को समझने और इससे जुड़ने की रुचि तेजी से बढ़ी है।

सनातन धर्म का भविष्य

– महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह समाज को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह आयोजन सनातन धर्म को और मजबूत कर रहा है।

– यह आयोजन भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को नई दिशा प्रदान कर रहा है।

– नारी शक्ति और युवा चेतना का अभूतपूर्व जुड़ाव, सनातन धर्म के भविष्य की नींव रख रहा है।

महाकुंभ 2025 ने यह साबित कर दिया है कि सनातन धर्म की व्यापकता और गहराई आधुनिक युग में भी लोगों को आकर्षित कर रही है। नारी शक्ति और युवाओं की बढ़ती भागीदारी से इसका विस्तार सुनिश्चित है।

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