तृणमूल समेत 17 राजनीतिक दल इस मांग के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने की योजना बना रहे हैं कि 2019 का लोकसभा चुनाव मतपत्र से कराया जाए। ये 17 विपक्षी दल इस योजना पर चर्चा करने के लिए अगले हफ्ते बैठक करेंगे।
तृणमूल नेता डेरक ओ ब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, “यह एक ऐसा मामला है जिस पर सभी विपक्षी दल सहमत हैं। हमारी अगले हफ्ते बैठक करने की योजना है। हमने चुनाव आयोग से संपर्क करने और यह मांग करने की योजना बनाई है कि चुनाव आयोग अगला लोकसभा चुनाव मतपत्र से कराये।”
इस मामले पर सभी विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने की पहल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को की थी जब वह 19 जनवरी की अपनी रैली के वास्ते विपक्षी नेताओं को न्यौता देने के लिए उनसे मिलने संसद आयी थी।
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ममता बनर्जी को संसद में तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय में उनसे मिलने आये नेताओं से यह अपील करते हुए सुना गया कि वे ईवीएम में छेड़छाड़ की रिपोर्ट तथा 2019 का चुनाव मतपत्र से कराने की मांग को लेकर संयुक्त प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास भेजें।
तृणमूल कांग्रेस ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करते हुए संसद के बाहर प्रदर्शन किया था। उसने मांग की थी कि 2019 के चुनाव में मतपत्र वापस लाया जाए। पश्चिम बंगाल के सत्तारुढ़ दल ने कहा कि यह एक ऐसा साझा कार्यक्रम है जो विपक्षी दलों को एकजुट करेगा।
सबसे रोचक तो यह है कि ममता बनर्जी ने भाजपा की सहयोगी शिवसेना से भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने की अपील की। बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्भव ठाकरे ने पहले मांग की थी कि 2019 का चुनाव इवीएम के स्थान पर मतपत्र से कराया जाए।