मध्य प्रदेश के निमाड़ के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा ने बुधवार की सुबह लगभग 5 बजे अपने प्राण त्याग दिए,जिसके बाद बाबा के सूचना मिलते ही संत सियाराम बाबा के अनुयाइयों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। बाबा के अनुयाई हजारों की संख्यां में अंतिम दर्शन के लिए खरगोन पहुंच रहें हैं। वे आज बुधवार शाम को आश्रम के पास ही नर्मदा नदी किनारे पंचतत्व में विलीन होंगे। उनके निधन की खबर के बाद बड़ी संख्या में भक्तों के आश्रम पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।
प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा ने नर्मदा नदी के किनारे एक पेड़ के नीचे तपस्या की थी और बारह वर्षों तक मौन रहकर अपनी साधना पूरी की थी। मौन व्रत तोड़ने के बाद उन्होंने पहला शब्द सियाराम बाबा कहा तो भक्त उन्हें उसी नाम से पुकारने लगे। हर माह दूर-दूर से हजारों भक्त उनके आश्रम में आते है।