न्यायालय ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के फीस निर्धारण पर तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज किया - Punjab Kesari
Girl in a jacket

न्यायालय ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के फीस निर्धारण पर तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज किया

बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग और बी.टेक पाठ्यक्रमों के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित शुल्क संरचना को उच्च न्यायालय के समक्ष

उच्चतम न्यायालय ने 2016-17 और 2018-19 शैक्षणिक वर्षों के लिए इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के वास्ते बिना सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक और गैर-अल्पसंख्यक संस्थानों में शुल्क संरचना निर्धारण संबंधी तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश को सोमवार को खारिज कर दिया। 
तेलंगाना दाखिला और शुल्क नियामक समिति (टीएएफआरसी) द्वारा निर्धारित शुल्क को बहाल करते हुए, शीर्ष अदालत ने राज्य में इंजीनियरिंग के छात्रों से ली जाने वाली फीस संरचना को निर्धारित करने के उच्च न्यायालय के फैसले की आलोचना की। 
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और नवीन सिन्हा की एक पीठ ने कहा, ‘‘अदालत, न्यायिक समीक्षा की आड़ में, न तो निर्णय लेने वाले के अधिकार को छीन सकती है और न ही टीएफएआरसी के अपीलीय प्राधिकारी के रूप में कार्य कर सकती है।’’ 
न्यायालय ने कहा, ‘‘इसलिए, हम मानते हैं कि उच्च न्यायालय ने टीएएफआरसी की अनुशंसा के साथ हस्तक्षेप करने के लिए अपने अधिकार क्षेत्र को पार किया। उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द किया जाता है। 2016-2017 और 2018-2019 के लिए चार फरवरी, 2017 को की गई टीएएफआरसी की सिफारिश बहाल की जाती है।’’ 
वर्ष 2016-17 और 2018-19 के लिए बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग और बी.टेक पाठ्यक्रमों के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित शुल्क संरचना को उच्च न्यायालय के समक्ष दो बार चुनौती दी गई थी। 
उच्च न्यायालय ने यह तय करते हुए कि निर्धारण उचित नहीं था, अपनी संतुष्टि के लिए शुल्क संरचना को खुद तय किया। 
इस आदेश से खफा, राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया और शुल्क नियामक समिति के निर्णय को बहाल कर दिया। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three + eighteen =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।