तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश, जानें शशि थरूर से लेकर ओवैसी ने क्या कहा ! - Punjab Kesari
Girl in a jacket

तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश, जानें शशि थरूर से लेकर ओवैसी ने क्या कहा !

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा को समाप्त करने

नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा को समाप्त करने से संबंधित विवादास्पद विधेयक को शुक्रवार को लोकसभा में अपने पहले विधेयक के रूप में पेश किया। विपक्ष के भारी विरोध के बीच सदन ने विधेयक को 74 के मुकाबले 186 मतों के समर्थन से पेश करने की अनुमति दी। 

यह नारी के सम्मान और न्याय का है सवाल : रविशंकर प्रसाद 

1561110076 ravishankar
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019’ पेश करते हुए कहा कि विधेयक पिछली लोकसभा में पारित हो चुका है लेकिन सोलहवीं लोकसभा लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के कारण और राज्यसभा में लंबित रहने के कारण यह निष्प्रभावी हो गया। इसलिए सरकार इसे दोबारा इस सदन में लेकर आई है। 
उन्होंने विधेयक को लेकर विपक्ष के कुछ सदस्यों की आपत्ति को सिरे से दरकिनार करते हुए संविधान के मूलभूत अधिकारों का हवाला दिया जिसमें महिलाओं और बच्चों के साथ किसी भी तरह से भेदभाव का निषेध किया गया है। विपक्षी सदस्य इसे एक समुदाय पर केंद्रित और संविधान का उल्लंघन करने वाला बता रहे हैं। मंत्री ने कहा कि जनता ने हमें कानून बनाने भेजा है। कानून पर बहस और व्याख्या का काम अदालत में होता है। संसद को अदालत नहीं बनने देना चाहिए।
1561110033 loksabha
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह “नारी के सम्मान और नारी न्याय का सवाल है , धर्म का नहीं।” प्रसाद ने सवाल किया कि जब उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद भी मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के चलन से पीड़ित हैं तो क्या संसद को इस पर विचार नहीं करना चाहिए? 
उन्होंने कहा कि 2017 से तीन तलाक के 543 मामले विभिन्न स्रोतों से सामने आये हैं जिनमें 229 से अधिक उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद आये। इसलिए कानून बनाना जरूरी है। प्रसाद ने कहा कि हमें लगता था कि चुनाव के बाद विपक्ष इस विधेयक की जरूरत को समझेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे पहले विपक्ष ने विधेयक पेश किये जाने का विरोध किया, जिसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अभी मंत्री केवल विधेयक पेश करने की अनुमति मांग रहे हैं। आपत्तियां उसके बाद दर्ज कराई जा सकती हैं। 

तीन तलाक विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए शशि थरूर ने दिया ये बयान 

1561110199 shashi
तीन तलाक से संबंधित विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा कि हम तीन तलाक के खिलाफ हैं लेकिन इस विधेयक की विषयवस्तु से इत्तेफाक नहीं रखते। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी एक समुदाय तक सीमित नहीं रहना चाहिए। 

ओवैसी ने की विधेयक पेश किये जाने से पहले मत विभाजन की मांग 
आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन तथा एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसे संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन बताते हुए सरकार से सभी समुदायों के लिए समान कानून बनाने की जरूरत बताई। प्रसाद ने इस पर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 15 के खंड 3 में कहा गया है कि सरकार को महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान बनाने से नहीं रोका जा सकता। ओवैसी समेत कुछ सदस्यों ने विधेयक पेश किये जाने से पहले मत-विभाजन की मांग की। इसमें विधेयक के पक्ष में 186 और विरोध में 74 मत मिले। 
1561110312 owaisi2
इस बीच लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने विधेयक पेश किये जाने के दौरान सदस्यों की आपसी बातचीत को सदन की गरिमा के खिलाफ बताते हुए कहा कि सदन प्रक्रियाओं से चलता है। इसकी मर्यादा बनाये रखना हम सबका दायित्व है। सदस्यों को एक दूसरे के पास जाकर चर्चा नहीं करनी चाहिए। अध्यक्ष ने जब कुछ सदस्यों का नाम लेकर यह बात कही तो कांग्रेस के सदस्यों ने विरोध जताया। 

पिछले साल तीन तलाक विधेयक को लोकसभा ने दी थी मंजूरी 
पिछले साल दिसंबर में तीन तलाक विधेयक को लोकसभा ने मंजूरी दी थी। लेकिन यह राज्यसभा में पारित नहीं हो सका। संसद के दोनों सदनों से मंजूरी नहीं मिलने पर सरकार ने इस संबंध में अध्यादेश लेकर आई थी जो अभी प्रभावी है। 
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल गयी तो यह इस संबंध में लाये गये अध्यादेश की जगह ले लेगा। इस विधेयक के तहत मुस्लिम महिलाओं को एक बार में तीन तलाक कहकर वैवाहिक संबंध समाप्त करना गैरकानूनी होगा। विधेयक में ऐसा करने वाले पति के लिए तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान प्रस्तावित है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।