वृषभ, तुला और कुंभ राशि वालों के सितारे होंगे बुलंद, जीवन में हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता - Punjab Kesari
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वृषभ, तुला और कुंभ राशि वालों के सितारे होंगे बुलंद, जीवन में हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता

वृषभ, तुला, कुंभ राशि के लिए सफलता का दौर शुरू

वृषभ, तुला और कुंभ राशि वालों के लिए बृहस्पति का गोचर सफलता के नए द्वार खोलेगा। वृषभ राशि में बृहस्पति के प्रभाव से आर्थिक समस्याओं का समाधान होगा और उच्च वर्ग के लोगों से संपर्क बढ़ेगा। तुला राशि के लिए भाग्य वृद्धि का समय है, जबकि कुंभ राशि के लिए संतान और करियर में सकारात्मक बदलाव की संभावना है।

जैसा कि विदित है कि शुभ ग्रहों की फेहरिस्त में बृहस्पति का स्थान सर्वोपरि है। बृहस्पति नेचुरल बेनिफिट प्लेनेट है। और बहुत कम मामलों में बृहस्पति अपनी दशा में अशुभ फल देता है। यह तय बात है कि बृहस्पति अशुभ फल तभी देगा जब कि वह राहु और शनि जैसे पाप ग्रहों के प्रभाव में हो। भारतीय ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति धनु और मीन राशि का संयुक्त स्वामी है। चन्द्रमा की राशि कर्क में बृहस्पति महाराज उच्च के होते हैं और शनि की राशि मकर में नीचगत होते हैं। वैदिक ज्योतिष में यह माना जाता है कि यदि जन्म कुंडली में बृहस्पति बलवान हो दूसरे पाप और अशुभ ग्रहों के प्रभावों में कमी आती है। व्यक्ति के जीवन में सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। वर्तमान में बृहस्पति महाराज वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं।

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कब होगा बृहस्पति का मिथुन राशि में प्रवेश

बृहस्पति एक विशाल ग्रह है। इसलिए इसे ग्रहों में गुरु की पदवी प्राप्त है। आमतौर पर बृहस्पति को गुरू भी बोला जाता है। वर्तमान में बृहस्पति महाराज वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं। आगामी जेष्ठ कृष्ण पक्ष द्वितीया, बुधवार विक्रम संवत् 2082, तद्नुसार अंग्रेजी दिनांक 14 मई 2025 को रात्रि 10 बजकर 35 मिनट पर बृहस्पति वृषभ राशि को छोड़ कर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। हालांकि मिथुन राशि बृहस्पति के लिए शत्रु ग्रह की राशि है। क्योंकि बृहस्पति और बुध में परस्पर शत्रुता है। लेकिन जैसी शत्रुता शुक्र और राहु के साथ बृहस्पति की है वैसी शत्रुता बुध और बृहस्पति के मध्य प्रायः नहीं है। क्योंकि कुछ हद तक बृहस्पति और बुध के स्वभाव और प्रकृति में समानता देखी जाती है। हालांकि मिथुन राशि में गोचर करते समय कुछ समय तक अतिचारी होकर कर्क राशि में चले जायेंगे लेकिन यह कुछ समय तक होगा। उसके बाद पुनः मिथुन राशि में ही गोचर करेंगे। कर्क राशि में बृहस्पति का गोचर दिनांक 18 अक्टूबर 2025 से आरम्भ होगा और 5 दिसम्बर 2025 को पुनः वक्री अवस्था में मिथुन राशि में प्रवेश करके। अस्थायी तौर पर बृहस्पति का कर्क राशि में यह गोचर लगभग एक माह 17 दिन के लिए ही होगा। बृहस्पति बड़ा ग्रह है इसलिए इतनी कम अवधि पर वह कोई परिणाम दें इसका कोई औचित्य सिद्ध नहीं होता है। इसलिए किसी भ्रम में न रहते हुए 2025 में बृहस्पति के गोचर को मिथुन का ही मान कर फल कहना चाहिए।

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मेष राशि

आपकी राशि से बृहस्पति तीसरे घर में होंगे। मंगल और बृहस्पति की परस्पर मित्रता है। वैसे गोचर के सामान्य नियमों के अनुसार जब कोई पाप ग्रह चन्द्रमा की राशि से तीसरा, छठा या ग्यारहवें आता है तो वह विशेष शुभ फलों को देता है। चूंकि बृहस्पति शुभ ग्रह है अतः पाप ग्रहों की तुलना में इसका फल सामान्य अच्छा समझना चाहिए। यहां से बृहस्पति भाग्य स्थान को देखता है जहां धनु राशि है जिसका स्वामी स्वयं बृहस्पति है। अतः मेष राशि वालों के लिए बृहस्पति का यह गोचर भाग्य वृद्धि करने वाला होगा। तीसरा भाव परिश्रम का है। इसलिए जितना आप परिश्रम करेंगे बृहस्पति उसकी तुलना में शुभ परिणाम देगा।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए यह गोचर सबसे बेहतर सिद्ध होना चाहिए। क्योंकि दूसरे भाव का बृहस्पति हमेशा धन और मान सम्मान देता है। अपने से उच्च वर्ग के लोगों से संपर्क होगा। और पिछले कुछ समय से चली आ रही मनी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन निकल कर सामने आयेगा। चूंकि बृहस्पति शुभ ग्रहों में सर्वोपरि है इसलिए जब नाम राशि से इसका गोचर शुभ स्थानों पर हो तो जीवन में उन्नति के नये मार्ग निकलते हैं। लोगों में भरोसा बढ़ता है। खासतौर पर जो लोग सलाहकार हैं, फूड का बिजनेस करते हैं, टीचर या धर्मगुरू जैसे बिजनेस से जुड़े हुए हैं उनको इस गोचर का विशेष लाभ मिलना चाहिए।

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मिथुन राशि

गोचर के सामान्य सिद्धांतों के अनुसार जब बृहस्पति किसी राशि पर आता है तो वह उसे पवित्र करता है। बुरी आदतों से छुटकारा मिलता है। उच्च और प्रबुद्ध जनों से संपर्क होता है। और सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। जो लोग अविवाहित है उनके लिए सगाई और विवाह के योग बन सकते हैं। अभीष्ट कामों में सफलता मिलने का प्रतिशन बढ़ेगा और संतान से लाभ हो सकता है। लोगों में भरोसा बढ़ता है। लेकिन इसके साथ ही पेट संबंधी कोई परेशानी हो सकती है। मोटापा बढ़ सकता है। इसलिए इस संबंध में आपको सावचेत रहने की आवश्यकता है।

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कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए बृहस्पति बारहवें होने से खर्च में वृद्धि करता है। इसके अलावा घर में मांगलिक कार्य जरूर संपन्न होंगे। भागवत कथा या कोई बड़ा धार्मिक अनुष्ठान भी आपके हाथों से संपन्न हो सकता है। सगाई और विवाह जैसे आयोजन होने की संभावना में भी वृद्धि हो सकती है। हालांकि इन सब के साथ ही खर्च की अधिकता आपको परेशान कर सकती है। इसलिए योजना बना कर अपना काम करें तो ठीक रहेगा। अन्यथा 2025 के अंत तक आपको धन के लिए लोन आदि लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।

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सिंह राशि

लाभ स्थान का बृहस्पति आपके दूसरे कई गोचर ग्रहों के दुष्प्रभावों को नष्ट करने में सक्षम है। सिंह राशि के लिए अभी शनि का आठवें घर में होना बहुत बुरा संकेत हो सकता है। पाप ग्रहों के प्रभाव के कारण कामों में बाधा और आलस्य से ग्रस्त जीवन सिंह राशि वालों के लिए अभिशाप बना हुआ है। इसलिए बृहस्पति का गोचर काफी हद तक आपको राहत दिला सकता है। बृहस्पति जिन भावों को देख रहा है उनके अनुसार मई मास के बाद आपके जीवन में काफी कुछ बदलाव आना संभव है। संतान के कैरियर के संबंध में कोई खुशखबरी प्राप्त हो सकती है। लोगों का विश्वास कायम हो सकेगा।

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कन्या राशि

आपकी राशि से दसवें बृहस्पति है जो कि अपनी पूर्ण पांचवी दृष्टि से धन स्थान को देखेगा। धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सेदारी हो सकती है। अध्यात्म में रूचि बढ़ेगी। शुभ ग्रहों की दशम भाव में गोचर की स्थिति बिजनेस की लाईन से जुड़े हुए लोगों के लिए काफी हद तक शुभ स्थिति है। बिजनेस को बढ़ाने में सहायक होगी। यदि आपने कोई लोन लिया हुआ है और उसको चुकता करने में कोई परेशानी है तो बृहस्पति का यह गोचर काफी हद तक आपके लिए मददगार होगा।

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तुला राशि

पिछले साल से चला आ रहा वृषभ राशि में गुरु का गोचर आपके लिए शुभ नहीं था। इसके अलावा शनि भी पांचवें घर में था। दक्षिण भारत में यह मान्यता है कि गोचर का पांचवां शनि फूटे हुए बर्तन में खाना खाने को मजबूर कर देता है। लेकिन अब आपके लिए खुशखबरी है कि दोनों ही प्रधान ग्रह बहुत अच्छे भावों में गोचर कर रहे हैं। बृहस्पति का आठवें भाव से निकल कर भाग्य भाव में जाना आपके लिए जीवन का नया अध्याय सृजित कर सकता है।

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वृश्चिक राशि

जब गोचर ग्रहों के संबंध में साधारण सिद्धांतों के आधार पर गणना की जाए तो आठवें घर का कोई भी ग्रह शुभ फल नहीं देता है। लेकिन यहां पाप ग्रहों और शुभ ग्रहों के अंतर को देखना चाहिए। बृहस्पति चूंकि शुभ ग्रह है इसलिए हमें वृश्चिक राशि वालों के लिए आठवां बृहस्पति अशुभ नहीं कहना चाहिए। क्योंकि बृहस्पति जहां जाता है उस भाव और राशि को पवित्र कर देता है। यहां यह देखना महत्वपूर्ण है कि यहां बृहस्पति कमजोर हुआ लेकिन आठवें भाव का पापत्व भी नष्ट हुआ है। इसलिए वृश्चिक राशि वालों को चाहिए कि वे बृहस्पति के तांत्रिक मंत्रों का जाप करें। इससे बृहस्पति के शुभत्व में वृद्धि होगी। अचानक धन प्राप्ति का योग बनेगा और दूर स्थान की यात्राओं से लाभ होगा।

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धनु राशि

आपके लिए बृहस्पति का यह गोचर सातवें भाव में होगा। यहां से पूर्ण दृष्टि से बृहस्पति आपकी राशि को देखेगा। यह योग प्रभावशाली लोगों से संपर्क और उनसे किसी आकस्मिक लाभ को देने वाला हो सकता है। साझेदारी में कोई बिजनेस यदि शुरू करना चाहे तो इस वर्ष अच्छा अवसर प्राप्त होगा और जो लोग पहले से ही किसी साझेदारी में काम करते हैं उनको लाभ होगा। अविवाहितों के लिए भी कुछ नया हो सकता है। सगाई और स्थायी संबंधों के प्रयासों में सफलता मिल सकती है। विवाहित लोगों के जीवन में प्रेम और सौहार्द में वृद्धि होगी और परस्पर सामंजस्य बना रहेगा।

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मकर राशि

आपके लिए छठे भाव का गुरू शत्रुओं की संख्या को बढ़ा सकता है। लोन लेने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए बहुत सावधानी रखें और अपने काम पर ध्यान दें। इधर-उधर भटकने से बचने का प्रयास करें। अपने व्यवहार कोमलता बनाए रखें और कोशिश करें कि दोस्तों की संख्या में बढ़ोतरी हो सके। यदि लोन लेने की आवश्यकता हो तो बड़ा लोन लेने की जोखिम से बचने का प्रयास करना चाहिए। वर्ष भर बृहस्पति के तांत्रिक मंत्रों का जाप और बृहस्पति की पूजा अनुष्ठान से लाभ होगा। ज्यादा कुछ नहीं कर सकें तो बृहस्पति को पीले रंग के खाद्य पदार्थों का दान अवश्य करें।

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कुंभ राशि

आपकी राशि से पांचवां बृहस्पति है। गोचर पद्धति के सामान्य नियमों के अनुसार चौथा बृहस्पति शुभ नहीं होता है। अब चूंकि बृहस्पति अपनी अशुभ पोजीशन से शुभ पोजिशन में आ रहा है इसलिए बहुत संभव है कि वह आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव करने में सक्षम हों। किसी नये काम की शुरुआत हो सकती है। संतान को लेकर यदि कोई समस्या है तो उसका कुछ निवारण निकलता दिखाई देना चाहिए। पुत्र संतान के करियर को लेकर किसी चिंता से छुटकारा मिल सकेगा। घर में कोई बड़ा मांगलिक कार्य संपन्न होने की संभावना बनेगी।

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मीन राशि

जन्म राशि से जब कोई ग्रह गोचर में चौथे स्थान पर आये तो वह चिंता और परेशानी देता है। यह बात सभी शुभ और पाप ग्रहों पर समान रूप से लागू होती है। चूंकि आपकी राशि से बृहस्पति चौथा है अतः आपको बृहस्पति के कुछ नकारात्मक प्रभाव देखने में आ सकते हैं। यदि जन्म के समय की विंशोत्तरी दशा शुभ नहीं है तो आपको बिजनेस में नुकसान, परिवारिक कलह और धन की कमी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस गोचर के दौरान भटकाव की स्थिति बनी रहेगी लोग आपसे बचने की कोशिश करेंगे। समाज और बिजनेस जगत में आपकी प्रतिष्ठा और गुडविल को नुकसान होगा। बृहस्पति की प्रसन्नता और शान्ति के उपाय करने से काफी हद तक राहत का अनुभव होगा

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।