सोमवती अमावस्या के दिन करें इस कथा का पाठ, पूर्वज होंगे प्रसन्न हर इच्छा होगी पूरी - Punjab Kesari
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सोमवती अमावस्या के दिन करें इस कथा का पाठ, पूर्वज होंगे प्रसन्न हर इच्छा होगी पूरी

सोमवती अमावस्या: व्रत कथा से मिलेगा पूर्ण फल और पूर्वजों का आशीर्वाद

हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 30 दिसंबर 2024 को पौष मास में अमावस्या मनाई जा रही है, जिसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024) के रूप में जाना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु और महादेव की पूजा-अर्चना करने के लिए विशेष रूप से खास माना जाता है। इस दिन व्रत कथा का पाठ करने से पूजा के पूर्ण फल की प्राप्ति होती है और ऐसा करने से पूर्वज भी प्रसन्न होते हैं। आइए अब पढ़ते हैं सोमवती अमावस्या की विशेष कथा।

सोमवती अमावस्या की विशेष व्रत कथा

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एक पौराणिक कथा (Somvati Amavasya 2024) के अनुसार, एक साहूकार की एक बेटी और सात बेटे हुआ करते थे। साहूकार की बेटी का विवाह नहीं हुआ था, जिससे साहूकार परेशान रहता था। एक बार एक साधु ने साहूकार की पत्नी को आशीर्वाद दिया, लेकिन उन्होंने कभी उनकी बेटी को आशीर्वाद नहीं दिया। इसके बारे में जब उन्होंने साधु से पूछा, तो वह बिना कुछ कहे वहां से चले गए। जिसे बाद साहूकार और उसकी पत्नी बेहद परेशान हो गए।

इसके बाद साहूकार ने एक पंडित से सलाह ली, जिन्होंने बताया कि यदि उनकी बेटी का विवाह हुआ, तो उसे विधवा के रूप में जीवन व्यतीत करना पड़ेगा। इसके पश्चात पंडित ने सलाह दी कि द्वीप पर एक धोबिन से सिंदूर लेकर विधिपूर्वक सोमवती अमावस्या का व्रत करें। ऐसा करने से उसकी किस्मत चमक उठेगी। पंडित की यह बात सुनकर साहूकार की बेटी ने ठीक ऐसा ही किया और द्वीप पर पहुंचकर धोबिन की सहायता की। धोबिन बहुत प्रसन्न हुई और बेटी को हाथों से सिंदूर देकर उसकी खुशहाली की कामना की। इसके बाद बेटी ने विधिपूर्वक सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024) का व्रत किया और विवाह करके सुखी जीवन की शुरुआत की।

सोमवती अमावस्या 2024 का शुभ मुहूर्त

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आपको बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि (Somvati Amavasya 2024) की शुरुआत 30 दिसंबर 2024 यानी की आज सुबह 04 बजकर 01 मिनट से शुरू हो चुकी है और यह तिथि 31 दिसंबर 2024 को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

पौष अमावस्या पर करें इन मंत्रो का जाप

पौष अमावस्या के अवसर पर इन मंत्रों का जाप करना बेहद ही ज्यादा शुभ माना जाता है।

ॐ आगच्छन्तु में पितृ एवं ग्रहन्तु जलांजलिम्।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।

ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च।

नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः।

ॐ अद्या-भूताय विद्महे सर्व-सेवाय धीमहि।

शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।

पौष अमावस्या पर करें इन चीजों का दान

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वैसे तो हिन्दू शास्त्रों में दान को सबसे बड़ा धर्म बताया गया है लेकिन आज के दिन दान करने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। पौष अमावस्या के दिन अनाज, अन्न, तिल, फल, गुड़, आटा, फल, आंवला, चीनी, मिठाई, जूते, काले कपड़े और गर्म कपड़े दान करना बेहद ही लाभकारी माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन इन सभी चीजों का दान करने से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही आपके सभी पापों का नाश होता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

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