पाठकों की जानकारी के लिए बता दूं कि वास्तु में कई तरह के दोष होते हैं। आमतौर पर आप इन दोषों को दो श्रेणियों में विभक्त कर सकते हैं। पहली श्रेणी में वे दोष आते हैं जो कि तुरन्त प्रभावी होते हैं। या आप यह भी कह सकते हैं कि उनका प्रभाव जब भी होता है तो वह विस्फोटक होता है। पूरा जीवन बदल जाता है। लेकिन कुछ वास्तु दोष ऐसे होते हैं जो कि वास्तव में दोष तो होते हैं लेकिन उनका प्रभाव बहुत जटिल और खतरनाक नहीं होता है।
इस तरह के प्रभावों को व्यक्ति किसी प्रकार से सहन करता रहता है। जैसे मानव में एक निश्चित मात्रा में जहर को पचाने की क्षमता होती है। इसलिए इन दोषों को आप यदि दूर करने में कुछ वक्त लेते हैं तो बहुत ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है। इसके विपरीत जब गंभीर वास्तु दोष हो तो उनको जितना जल्दी हो दूर कर लेना ही बेहतर होता है। अन्यथा शीघ्र ही ऐसा समय आ जायेगा कि आप इन दोषों को चाह कर भी दूर नहीं कर पायेंगे क्यांेकि परिस्थितियां ही इस कदर बिगड़ जायेगी।
गंभीर वास्तु दोष कौन से हैं?
जैसा कि मैं आलेख के आमुख में लिख चुका हूं कि टॉयलेट का वास्तु दोष सबसे गंभीर होता है। यहां आगे इसी के बारे में कुछ विस्तार से बताने का प्रयास किया जायेगा। तथापि दूसरे वास्तु दोषों के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त कर लेना समीचीन होगा। जिससे हम भविष्य में सावधानी रख सकें। और एक निश्चित समयावधि में उनको दूर करने का प्रयास कर सकें। आप देखते हैं कि जैसे जैसे आप वास्तु दोषों को दूर करते हैं वैसे वैसे ही आपके जीवन में समृद्धि का आगमन होता है।
वैसे तो बहुत से वास्तु दोष गंभीर श्रेणी में आ सकते हैं लेकिन मैं यहां कुछ प्रमुख दोषों के बारे में बताउंगा। यदि नीचे दिये गये वास्तु दोष आपके घर में है तो निश्चित तौर पर आपको जल्द से जल्द इनको हटा देना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो इसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं।
1 – जब टॉयलेट उत्तर, पूर्व, ईशान कोण या अग्नि कोण में बना हुआ हो।
2 – जब अंडरग्राउंड वाटर टैंक दक्षिण, पश्चिम या फिर नैर्ऋत्य कोण में बना हुआ हो।
3 – जब सीढ़ियां ईशान कोण में बनी हुई हो और उनके उपर टेरस बना हुआ हो।
4 – जब दक्षिण-पश्चिम दिशा में बेसमेन्ट हो।
5 – जब घर का मुख्य द्वार किसी असुर के मुख में आ रहा हो।
6 – जब घर के चारों तरफ बाउंड्री वॉल नहीं बनी हुई हो।
7 – जब घर से सट कर मंदिर, पुराना कुआं या धर्मशाला जैसी कोई इमारत हो।
8 – जब अग्नि कोण में पानी का स्थान और ईशान कोण में रसोई बनी हुई हो।
टॉयलेट होता है सबसे गंभीर वास्तु दोष
ऊपर बताए गए दोषों में टॉयलेट यदि गलत जगह बना हुआ है तो आपको सर्वप्रथम इसका ही निवारण करना चाहिए। इस आलेख में टॉयलेट के वास्तु दोष और उसके गंभीर परिणामों के बारे में विस्तार से बताने का प्रयास करूंगा।
टायलेट यदि वास्तु के विपरीत बना हुआ हो तो उसके दूरगामी प्रभाव देखे जाते हैं। आमतौर पर मैं देखता हूं जिन घरों में, औद्योगिक क्षेत्र या ऑफिस में भी यदि टॉयलेट बिल्कुल वास्तु पुरुष के सिर पर बना हुआ हो, तो निश्चित तौर पर यह जीवन में उन्नति को ब्लॉक करता है। ऑफिस और घरों के अलावा कुछ स्कूलों और फैक्ट्रियों में भी मैंने देखा है कि जब कम्पास के आधार पर टॉयलेट जब वास्तु पुरुष के चेहरे पर आ जाता है तो निश्चित रूप से परिसर बंद हो जाता है। बिजनेस में नुकसान होता है। बहुत से इस तरह की समस्याएं भी आती हैं जिनके बारे में सोचा तक नहीं गया हो। आप उन्हें आकस्मिक विपत्ति भी कह सकते हैं। इस दोष के कारण व्यक्ति अपने जीवन में इतने अधिक गलत फैसले लेता है कि सभी मित्रों और परिचितों को भी आश्चर्य होता है, कि यह सब क्या हो रहा है। आपकी छवि मानसिक तौर पर समाज में बहुत उज्ज्वल दिखाई देती है इसके बावजूद आपके फैसले गलत होते हैं। और गलत भी इतने कि आप इन फैसलों को आत्मघाती भी कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। जब टॉयलेट गलत जगह हो तो परिणाम बहुत विध्वंसकारी सिद्ध होते हैं। और घर मालिक धीरे-धीरे कर्ज की स्थिति में जा सकता है या उसके यहां जो संतान है वह विकलांग हो सकती है। लेकिन यह पोजिशन तब बनती है जब कि टॉयलेट ईशान कोण में अर्थात् वास्तुपुरूष के सिर पर बना दिया गया हो।
यहां एक बात मैं स्पष्ट कर दूं कि जहां-जहां मैं टॉयलेट शब्द को लिख रहा हूं, उसका अर्थ लेट्रिन या पखाना से है, बाथरूम से नहीं है। यदि ईशान कोण में बाथरूम बना हुआ हो तो उसका कोई बुरा प्रभाव देखने में नहीं आएगा। यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि यदि ईशान कोण में बाथरूम बना हुआ है तो उसे आप कभी भी यूरिनल के रूप में काम में मत लें।
दूसरी बात यह भी है कि वास्तु पुरुष के सिर पर ही टॉयलेट बना हुआ है, इसका निर्णय आपको हमेशा कंपास के द्वारा ही करना चाहिए। केवल सूर्य की दिशा को पूर्व मानते हुए कुछ सज्जन टॉयलेट की दिशा तय कर देते हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। कंपास को आधार मानकर ही निश्चित करें कि यहां बिल्कुल ठीक वास्तु पुरुष का मस्तिष्क है।
जब यह सुनिश्चित हो जाए कि टॉयलेट वास्तु पुरुष के सिर पर ही बना हुआ है, तो हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम उसे हटा दें। लेकिन आज की भौतिक परिस्थितियों में कुछ प्रिय मित्र ऐसा कर सकने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। मेरे पास इस संबंध में बहुत से विचारणीय प्रश्न आते हैं, कुछ सम्मानित सज्जन शंका व्यक्त करते हैं कि जब घर में कंपास के आधार पर टॉयलेट वास्तु पुरुष के सिर पर आ रहा है तो क्या उसका कोई वैकल्पिक उपाय भी है। लेकिन मैं यहां यह स्पष्ट कर दूं कि इस वास्तु दोष के बहुत ज्यादा सटीक वैकल्पिक उपाय नहीं है। जहां तक संभव हो इस टॉयलेट को यहां से हटा दें। यदि आप की ग्रह दशा बहुत अच्छी चल रही है तो आपको इसका असर दिखने में समय लग सकता है। हालांकि इसके बावजूद भी मैं तो आपको यही सलाह दूंगा कि आप उसको हटा दें। क्योंकि जैसे ही आप की दशा चेंज होगी आपको आश्चर्यजनक रूप से उसके नुकसान होने लगेंगे।
मैंने अनुभव किया है कि जब ईशान कोण में बना हुआ टॉयलेट अपने अशुभ फल देना शुरू कर दे तो फिर उसे रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस लिए मैं फिर कहूंगा कि यदि आप की स्थिति ठीक है और आपका टॉयलेट वास्तु पुरुष के सिर पर यानि ईशान कोण में या अग्नि कोण में बना हुआ है तो उसे समय रहते आप परिवर्तित कर लें।
क्या उपाय करें?
कुछ मामलों में प्रायः देखा जाता है कि परिस्थितियां इस तरह से बन जाती है कि टॉयलेट को हम चाह कर भी नहीं हटा पाते हैं। इसके लिए चाहे आर्थिक स्थिति जिम्मेदार हो या जगह नहीं होने की मजबूरी। इस स्थिति में जब तक आप टॉयलेट का हटा नहीं पाते हैं तब तक के लिए निम्न उपायों का हाजमा कर देखा जा सकता है।
-टॉयलेट के दरवाजे पर डोर क्लोजर लगाएं, जिससे दरवाजा स्वतः ही बंद होता रहे।
– टायलेट के दरवाजे पर मोटे कपड़े का परदा रखें।
– समुद्री नमक को कपड़े में बांधकर रखें, या कटोरी में रख सकते हैं। महीने में दो-तीन बार नमक को बदलते रहें।
– पीले रंग की ऑयल पेंट की 2 इंच चौड़ी पट्टी टॉयलेट के चारों तरफ खींचें। यदि टॉयलेट के चारों तरफ पट्टी लगा देना संभव नहीं हो तो टॉयलेट के अंदर की तरफ उसको लगाना चाहिए। इस स्थिति में आप स्टील का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। वह परमानेंट उपाय है।
– यदि आप किसी किराये के घर में हैं और इस घर में दूसरी जगह भी टायलेट बना हुआ है तो आप ईशान कोण में बने टॉयलेट का उपयोग नहीं करें। या कोई रूम है जिसमें अटैच टॉयलेट है और वह ईशान कोण में नहीं है तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं और ईशान कोण में बने टायलेट पर ताला लगा कर बंद कर दें। या उसका उपयोग केवल नहाने के लिए ही करें।
Astrologer Satyanarayan Jangid
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