Chhath Puja 2024: लोक आस्था का त्यौहार छठ महापर्व नजदीक है जिसको लेकर अब तैयारियां शुरू हो गई है कई मायने में ये त्यौहार खास महत्व रखता है बिहार से शुरू हुआ ये त्यौहार उत्तर प्रदेश होते हुए अब पुरे भारत में फ़ैल चूका है साथ ही अब इसकी धूम विदेशो में भी देखने को मिलती है दिवाली ख़त्म होते ही लोग छठ के तैयारियों में जुट जाते हैं ये पर देखने में जितना अच्छा लगता है इसका व्रत उतना ही कठिन है साथ ही साफ सफाई का भी विशेष ध्यान देना होता है ये पर्व पुरे 4 दिनों तक चलता है छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित एक महत्वपूर्ण महापर्व है. आइये जानते हैं इस वर्ष छठ पूजा की तारीख क्या है
छठ पूजा की तिथि
इस वर्ष दो दिन दीपावली मनाए जाने के बीच अब छठ पूजा की तारीख को लेकर लोगों में विरोधाभास की स्तिथि बनी हुई है। क्योंकि देश के कुछ राज्यों में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई गई और कुछ राज्यों में 1 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी। द्रिक पंचांग के अनुसार, छठ पूजा का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में षष्ठी तिथि 7 नवंबर दिन गुरुवार को तड़के सुबह 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 8 नवंबर दिन शुक्रवार को तड़के सुबह 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, छठ पूजा का पर्व 7 नवंबर दिन गुरुवार को ही मनाया जाएगा। छठ पूजा संपन्न करने के लिए इस तरह से शाम के समय का अर्घ्य 7 नवंबर को और सुबह का अर्घ्य 8 नवंबर को दिया जाएगा। इसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा।
4 दिन का महापर्व
छठ पूजा का पहला दिन, नहाय खाय- 5 नवंबर 2024
छठ पूजा का दूसरा दिन, खरना- 6 नवंबर 2024
छठ पूजा का तीसरा दिन, संध्या अर्घ्य- 7 नवंबर 2024
छठ पूजा का चौथा दिन, उषा अर्घ्य- 8 नवंबर 2024
36 घंटों का निर्जला व्रत
बता दें की हिन्दू धर्म में छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य देवता की विधि-विधान से पूजा की जाती है। दिवाली के छह दिन बाद छठ महापर्व मनाया जाता है। छठ पूजा चार दिनों तक चलता है, जिसमें शुरुआत होती है नहाय-खाय और खरना से। फिर डूबते और उगते सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। इसमें व्रती महिलाएं नदी में कमर तक जल में डूबकर हाथ में सूपा लिए सूर्य देवता को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करती हैं। इसमें 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखा जाता है, जो बेहद ही कठिन माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, छठी मइया की पूजा करने से व्रती को आरोग्यता, सुख-समृद्धि, संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस दिन शुरू होगा निर्जला व्रत
छठ पूजा के लिए नहाय खाय की प्रक्रिया कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुरू होगी यानी 5 नवंबर को है, जबकि खरना कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 6 नवंबर को खरना पड़ रहा है। दिन भर निर्जला व्रत करने के बाद शाम में व्रती महिलाएं छठी मैया की पूजा करती हैं। प्रसाद ग्रहण करती हैं। इसी के बाद से लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।
छठ पूजा का विशेष महत्व
Chhath Puja 2024: छठ पूजा एक ऐसा महापर्व है जो अपने आप में श्रद्धा, विश्वास और प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। सूर्य देव को जीवनदाता माना जाता है और छठी मैया को संतान की देवी। इस पर्व के माध्यम से लोग प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। सूर्य, जल और वायु इन तीनों तत्वों की पूजा की जाती है। छठ पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। छठ पूजा के दौरान सभी लोग मिलकर पूजा करते हैं, जिससे सामाजिक एकता बढ़ती रहें।