हिन्दू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व साल में 4 बार आता है, जिसमें 2 प्रकट नवरात्रि यानी चैत्र और शारदीय और बाकी 2 गुप्त नवरात्रि होती है
नवरात्रि में लोग व्रत रखते हैं और माता की आराधना करते हैं। इस दिन लोग भूखे रहकर केवल फलाहार करते हैं और व्रत खोलते समय बिना प्याज-लहसुन का सात्विक भोजन करते हैं
Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा में इन चीजों के करें शामिल
लेकिन क्या आपको इसके पीछे का कारण पता है कि क्यों किसी भी व्रत में प्याज-लहसुन खाना वर्जित माना जाता है। आइए जानते हैं इसके पीछे का सच
ऐसी मान्यता है कि लहसुन और प्याज में तामसिक गुण होता है। इसलिए इनको खाना वर्जित माना जाता है
लहसुन और प्याज को खाने से क्रोध, भटकाव, वासना और अहंकार का भाव पैदा होता है। इसलिए भी इनको व्रत में खाना वर्जित माना जाता है
लहसुन और प्याज को खाने से इंद्रियों को वश करने में बाधा आती है। इसके साथ ही लहसुन और प्याज को राक्षसी गुण का खाद्य पर्दाथ माना जाता है
समुद्रमंथन के दौरान जब स्वरभानु ने अमृत पी लिया था तो भगवान विष्णु ने उसका सिर काट दिया था, जिसका रक्त जमीन पर गिरा
इससे लहसुन और प्याज की उत्पत्ति हुई। इसके आलावा प्याज और लहसुन को राहु और केतु भी कहा जाता है। यही वजह है पूजा पाठ या व्रत में इसका सेवन नहीं किया जाता है
Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के चौथे दिन भूलकर भी न करें ये काम