सर्वप्रथम तो मैं यह क्लीयर कर दूं कि किसी भी मनुष्य के लिए आत्महत्या करना न केवल भारतीय कानून के अन्तर्गत अपराध है बल्कि पाप भी है और यह परमपिता परमात्मा की इच्छा के विरूद्ध भी है। कोई भी व्यक्ति जो आत्महत्या करता है वह यह सोच कर करता है कि वह संसार के जंजाल से मुक्त हो रहा है जब कि वास्तव में यह ठीक विपरीत स्थिति होती है। आत्महत्या समस्याओं से मुक्ति का सरल उपाय दिखाई देता है लेकिन इससे समस्याऐं ज्यों की त्यों बनी रहती है और आत्महत्या करने वालों को सैकड़ों वर्षों तक पश्चाताप की अग्नि में जलना पड़ता है। क्योंकि इन लोगों का पुनर्जन्म सहज नहीं होता है। इसलिए पहली सलाह तो यही है कि इस प्रकार के विचारों का पूरी तरह से त्याग कर दिया जाए। अपने इष्ट पर भरोसा रखें एक न एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी। इसलिए कभी भी आत्महत्या के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। हमेशा ध्यान रखें कि ईश्वर ने अंधेरे के साथ उजाला भी बनाया है। अंधेरे से डरे नहीं बल्कि संघर्ष करते हुए उजाले का इंतजार करें। इस तथ्य को भी ध्यान में रखें कि कभी भी ऐसा कोई कारण नहीं बनता है कि व्यक्ति को आत्महत्या करने की जरूरत पड़े।
वे वास्तु दोष जो आत्महत्या के लिए प्रेरित कर सकते हैं
मेरे पास बहुत से ऐसे लोग आते हैं जो कहते हैं कि उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई उपाय नहीं है। स्थूल रूप से इन लोगों के घरों में समान वास्तु दोष मिलते हैं। मैंने ऐसे बहुत से घरों में विजिट की है जिनमें एक से अधिक लोगों ने आत्महत्या की है। कुछ मामलों में तो पहले पिता ने आत्महत्या की और कुछ वर्षों बाद ही पुत्र ने आत्महत्या कर ली। परिवार में लगातार मृत्यु होना भी इन्हीं वास्तु दोषों के कारण हो सकता है। यह आत्महत्या नहीं है लेकिन परिवार के लिए इस तरह की मृत्यु के परिणाम तो आत्महत्या जैसे ही होते हैं। मैं यहां कुछ ऐसे वास्तु दोषों के बारे में बताउंगा जो घर में किसी सदस्य को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। कुछ प्रमुख दोष निम्न प्रकार से हैं:-
1 – मोटे तौर पर नैर्ऋत्य कोण में वास्तु दोष होने पर जातक आत्महत्या करने के लिए प्रेरित होता है। इसलिए यदि नैर्ऋत्य कोण में वास्तु दोष है तो तुरंत उसका निवारण करें।
2 – ईशान कोण में वास्तु दोष होने पर भी व्यक्ति की मानसिक स्थिति बहुत कमजोर हो जाती है और वह सही गलत का फैसला नहीं कर पाता है। उसके डिसिजन हमेशा आत्मघाती होते जाते हैं। और एक दिन ऐसा आ सकता है जब कि वह पूरी तरह से बर्बाद हो कर आत्महत्या का निर्णय ले लें।
3 – ब्रह्म स्थान पर वास्तु दोष भी होना भी किसी व्यक्ति के आत्महत्या करने या फिर अचानक मौत हो जाने का कारण बन सकता है।
4 – जब घर का मुख्य द्वार किसी असुर (राक्षस) के स्थान पर आता हो तो घर स्वामी की मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है और हो सकता है कि वह आत्महत्या का फैसला करें। हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी परिसर में मुख्य द्वार से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। मुख्य द्वार का ठीक स्थान पर होना बहुत जरूरी है।
क्या करें उपाए
किसी भी समस्या से पूर्व उसका निवारण जन्म लेता है। सभी में तो नहीं, लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसा ही होता है। वास्तव में समस्या में ही उसका निवारण भी निहित होता है। बस आवश्यकता इस बात की है कि हम उस उपाय की पहचान करें और उसका ईलाज कर दें। कमोबेश यही स्थिति वास्तु के संदर्भ में भी है। मैंने जो वास्तु दोष बताएं हैं यदि उनमें से एक भी आपके घर में है तो तुरन्त उनका निवारण कर दें। इसके साथ एक बात और भी ध्यान में रखें कि जो गंभीर दर्जे के वास्तु दोष है, उनका कोई वैकल्पिक उपाय नहीं है। इस तरह के उपायों से आपको राहत नहीं मिलेगी। बेहतर तो यही होगा कि वास्तु दोष को पूरी तरह से हटा दिया जाए। क्योंकि जब तक आप जड़ को नहीं काटेंगे तब तक समस्या का पूरी तरह से निवारण नहीं होगा, और भविष्य में पुनः परेशानी खड़ी हो जायेगी।
Astrologer Satyanarayan Jangid
WhatsApp – 6375962521
www.guideguru.in