सूर्य को ग्रहों में राजा की पदवी प्राप्त है। सूर्य की आभा इस श्रेणी की है कि बृहस्पति जैसा शुभ ग्रह भी सूर्य की राशि में जाने से निष्प्रभावी हो जाता है। सूर्य की कीर्ति सर्वविदित है। सूर्य को सार्वभौमिक आत्मकारक ग्रह है। सूर्य को सिंह राशि में स्वगृही माना जाता है। मेष राशि में उच्चस्थ और तुला राशि में नीचगत माना जाता है। ग्रहों की मित्र-शत्रु की फेहरिस्त में बृहस्पति, मंगल और चन्द्रमा सूर्य के मित्र हैं। इसी प्रकार से शनि, शुक्र, राहु और केतु ये चार ग्रह सूर्य के शत्रु माने जाते हैं। बुध ग्रह नपुंसक होने से तटस्थ माना जाता है। सूर्य को सरकार, पिता, प्रसिद्धि, यश, प्रभाव और सत्ता का कारक समझा गया है।
क्यों जरुरी है सूर्य का बलवान होना?
जीवन में उच्च कोटि की सफलता के लिए सूर्य का बलवान होना जरूरी है। कहा जाता है कि यदि कुंडली में सूर्य बलवान हो तो जातक की सरकारी खजाने में हिस्सेदारी होती है। अर्थात् ऐसा व्यक्ति प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप सरकार से धन प्राप्त करता है। माणिक्य जिसे अंग्रेजी में रूबी कहा जाता है सूर्य का प्रधान रत्न है। माणिक्य धारण करने से सूर्य के प्रभाव में वृद्धि होती है।
कब होगा सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश
सूर्य देव का किसी भी नई राशि में प्रवेश को सूर्य संक्रान्ति कहते हैं। जैसे मेष संक्रान्ति या मकर संक्रान्ति। इसी प्रकार से जब सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो उसे कुंभ संक्रांति कहा जायेगा। माघ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, विक्रम संवत् 2081 बुधवार तद्नुसार अंग्रेजी दिनांक 12 फरवरी 2025, रात्रि 9 बजकर 57 मिनट पर सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद करीब एक माह तक सूर्य इसी राशि में गोचर करेंगे। सूर्य और शनि में परस्पर शत्रुता जगत प्रसिद्ध है। चूंकि कुंभ राशि शनि की राशि है, इसलिए इस राशि में सूर्य भले ही बलहीन हो लेकिन कुंभ राशि वालों के लिए यह समय किसी वरदान से कम नहीं होता है। इसलिए कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य का कुंभ राशि में होना बहुत शुभ कहा जा सकता है।
कैसे होगा लाभ ?
इन लोगों को किसी नये काम में सफलता मिल सकती है। समाज में मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति हो सकती है। लोगों में प्रभाव पैदा होगा। जो लोग राजनीति से संबंधित हैं, उन्हें कोई पद या जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके अलावा कर्क राशि वालों के लिए यह गोचर कुछ खराब रह सकता है। क्योंकि इनके लिए सूर्य आठवां होगा जो कि पिता से मतभेद, पैतृक संपत्ति में विवाद और मान-सम्मान में कमी का अनुभव होगा। लेकिन मेष, कन्या और धनु राशि के लिए सूर्य का यह गोचर शुभ फलदायक होगा।
आइये जानते हैं कि सभी बारह राशियों के लिए सूर्य का यह गोचर किस प्रकार से शुभ या अशुभ रहेगा और क्या उपाय करने चाहिए।
मेष राशि – वैदिक ज्योतिष में सूर्य को पाप ग्रह माना जाता है। सामान्य धारणा के अनुसार गोचर में जब कोई पाप ग्रह तीसरा, छठा या ग्यारहवां आये तो वह शुभ फल देता है। मेष राशि के लिए ग्यारहवां सूर्य नई सोच का विकसित करेगा। किसी नये काम या अनुबंध की शुरुआत हो सकती है। यदि कोई पैतृक संपत्ति संबंधी कोई विवाद चल रहा है तो उसमें आपको पक्ष मजबूत हो सकता है। करियर के दृष्टिकोण से नौकरी में सफलता या जो लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं उनकी इच्छा पूर्ति होना संभव है।
वृषभ राशि – दसवां सूर्य बिजनेस में कोई नया अनुबंध करवा सकता है। उच्च स्तर के लोगों से मेल मुलाकात होगी। कुछ नये अवसरों की प्राप्ति संभव है। जो लोग सरकार से जुड़े हुएं हैं उनके रिपोर्ट कार्ड में सुधार हो सकेगा। उच्चाधिकारियों का वरदहस्त प्राप्त होगा। आम लोगों का आपके प्रति धारणाओं में सकारात्मक बदलाव देखने में आ सकेगा। पिता से उपहार के रूप में कुछ प्राप्त हो सकेगा। यदि किसी सरकारी संस्था से ऋण आदि की कोई फाइल पेंडिंग है तो उसमें प्रोग्रेस देखने में आयेगी।
मिथुन राशि – भाग्य स्थान का सूर्य वाकई भाग्य में वृद्धि दे सकता है। इसलिए आपको अवसरों का लाभ लेने की पहले से ही तैयारी आरम्भ कर देनी चाहिए। सरकार से जुड़े हुए उच्चपदस्थ लोगों से संपर्कों का लाभ मिलेगा। यदि आप बिजनेस करते हैं तो पुराने संपर्कों का लाभ मिल सकेगा। यदि आप सरकारी नौकरी करते हैं तो साथी कर्मचारियों से सामंजस्य बेहतर होगा और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। हमेशा ध्यान रखें कि जब सूर्य का गोचर शुभ हो तो लोगों पर प्रभाव पैदा होता है। लोग आसानी से आपकी बात मान लेते हैं।
कर्क राशि – यदि दूसरे गोचर ग्रह भी खराब स्थिति में हैं और जन्म के समय की विंशोत्तरी दशा भी अशुभ और अकारक ग्रहों की है तो सूर्य का यह गोचर आपके लिए कुछ नई समस्याएं पैदा कर सकता है। लोग आप पर विश्वास कम करेंगे। मानसिक तनाव के कारण सिर में दर्द या कमर दर्द की शिकायत रह सकती है। यदि आप बिजनेस करते हैं तो परिश्रम की तुलना में लाभ कम होगा। गुडविल में कुछ कमी देखने में आयेगी। आप अपने वादे पूरे नहीं कर पाएंगे। उपाय के लिए रविवार को प्रातः 10 बजे से पहले सवा किलो गेहूं का दान करें।
सिंह राशि – सातवां सूर्य दांपत्य जीवन में कुछ तनाव और अलगाव के संकेत दे सकता है। इसलिए आपके लिए जरूरी है कि परिवार में सामंजस्य बनाए रखें। लोगों पर ज्यादा विश्वास नहीं करें और जितनी आपकी क्षमता है उससे बड़े काम में हाथ नहीं डालें। अन्यथा आपकी प्रतिष्ठा आघात लग सकता है। सूर्य जब खराब हो तो हमेशा ध्यान रखें कि पिता की तरफ से भी कुछ परेशानी आ सकती है। कारोबार में कोई बड़ा दाव नहीं खेलें। जो लोग शेयर आदि का काम करते हैं उन्हें विशेष सावधानी की आवश्यकता है।
कन्या राशि – छठा सूर्य जीवन में नई सौगात ला सकता है। आप जितना प्रयास करेंगे लाभ उसकी तुलना में ज्यादा होगा। मित्र और रिश्तेदार स्वतः ही आपकी सहायता की पेशकश कर सकते हैं। अच्छे समय का लाभ उठाते हुए बिजनेस में कोई नया अनुबंध कर सकते हैं। यदि पैतृक संपत्ति में कोई विवाद है तो उसमें आपका पक्ष मजबूती से सामने आयेगा। दांपत्य जीवन में सौहार्द बना रहेगा।
तुला राशि – सूर्य का कुंभ राशि में गोचर स्थूल रूप से बहुत अच्छा नहीं कहा जायेगा। नौकरी पेशा लोगों को कुछ परेशानी उठानी पड़ सकती है। कार्यालय में साथी कर्मचारियों या फिर उच्चाधिकारियों से मतभेद निकल कर सामने आ सकते हैं। संतान के करियर को लेकर चिंता रह सकती है। हालांकि सूर्य चीजों को पूरी तरह से नष्ट नहीं करता है लेकिन वह भाव से संबंधित चिंता जरूर देता है। रविवार को प्रातः तांबे से बना हुआ कोई बर्तन जरूर दान करें। इससे आपको काफी कुछ राहत का अनुभव होगी। रुके हुए कामों में गति दिखाई देगी।
वृश्चिक राशि – चौथे घर का सूर्य परिवार में तनाव और मतभेद उत्पन्न करता है। झगड़ा या विवाद हो सकता है। बिना किसी ठोस कारण के भी मित्रों और रिश्तेदारों से आपके संपर्क खराब होने की आशंका बनी रहेगी। आपकी बातों और विचारों को अनदेखा किया जा सकता है। यदि आप बिजनेस करते हैं तो जो चल रहा उसी पर अपना ध्यान केन्द्रित कर के रखें। इधर-उधर हाथ-पैर नहीं मारे। यथा स्थिति बनाए रखने से आपको नुकसान नहीं होगा या कम होगा। खाली समय का सदुपयोग करें। रविवार को संध्या के समय गेहूं का दलिया चींटियों को दें।
धनु राशि – राशि से तीसरा सूर्य कला, साहित्य, प्रकाशन, मिडिया और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बिजनेस से जुड़े लोगों के लिए विशेष शुभ कहा जायेगा। वैसे जो लोग पिछले कुछ महिनों से विदेश व्यापार या विदेश यात्रा का प्लान कर रहे थे उन्हें कुंभ राशि के सूर्य से सफलता मिल सकती है। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। धन के एक से अधिक स्रोत पैदा होंगे। अविवाहित लोगों को सगाई-संबंधों को लेकर कोई शुभ समाचार प्राप्त होगा। हालांकि छोटे भाई या बहनों के लिए तीसरा सूर्य बहुत शुभ नहीं होता है।
मकर राशि – यदि आप पहले से ही समस्याओं से घिरे हुए हैं तो कुंभ राशि का सूर्य आपके लिए विशेष शुभ नहीं कहा जायेगा। इधर-उधर भटकने में समय जाया होगा। कमाई के स्रोतों में कमी होगी और लोग आपकी बातों को गंभीरता से नहीं लेंगे। आपको अपने वादों को पूरा करने में कठिनाई का अनुभव होगा। खासतौर रूपये-पैसों के मामलों में स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जायेगी। वाद-विवाद में समय जाया हो सकता है। बेहतर होगा कि सूर्य के मंत्र जाप किये जाएं। जिससे काफी कुछ राहत मिल जाने की संभावना रहेगी।
कुंभ राशि – आपके लिए सूर्य आपके प्रभाव में वृद्धि करेगा। आपको चाहिए कि आप दूसरों से नजरें मिला कर बात करें। इससे आपका पक्ष मजबूत होगा। जो लोग विदेश व्यापार, सरकारी ठेकेदार, राजनीति और खेती आदि से जुड़े हुए हैं उनके लिए कुंभ का सूर्य बहुत बेहतर हो सकता है। सभी कार्यों में सफलता और लोगों के मध्य लोकप्रियता में वृद्धि होगी। समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति हो सकती है। बिजनेस में कुछ नये अनुबंध हो सकते हैं जो कि भविष्य में लाभ देंगे। लेकिन दांपत्य जीवन में कुछ विचार वैमनस्य रह सकता है।
मीन राशि – राशि से बारहवां सूर्य खर्च को बढ़ाने वाला होता है। इसलिए कोई नया प्रयोग नहीं करें। अन्यथा अत्यधिक खर्च के कारण आपको बजट बिगड़ सकता है। जो बिजनेस करते हैं उसी पर अपना ध्यान लगाएं। यदि नौकरी करते हैं तो पूरे मनोयोग से काम करें अन्यथा कुंभ के सूर्य में आपके रिपोर्ट कार्ड में नेगेटिव रिमार्क लग सकता है। सूर्य हालांकि चीजों को पूरी तरह से नष्ट नहीं करता है लेकिन अपनी ऊष्मा से चीजों के रूप को बदल देता है। यदि परेशानी अधिक हो तो रविवार को प्रातः सूर्य के दान करें या फिर सूर्य के तांत्रिक मंत्रों के जाप करें या करवाएं।