जयपुर में एब्डोमिनल कैंसर डे पर आयोजित कार्यक्रम में कोलोरेक्टल कैंसर पर गहन चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने युवाओं में बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और समय पर जांच की सलाह दी। कार्यक्रम में देशभर के डॉक्टरों और सामाजिक संगठनों ने भाग लिया।
जयपुर में एब्डोमिनल कैंसर डे के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें कोलोरेक्टल कैंसर जैसे गंभीर रोगों पर गहन चर्चा की गई। कार्यक्रम का उद्देश्य जागरूकता फैलाना और युवाओं को समय पर जांच के लिए प्रेरित करना रहा। ‘माय हेल्थ, माय रेस्पॉन्सबिलिटी’ संदेश के साथ इस आयोजन में देशभर के विशेषज्ञ डॉक्टरों, सामाजिक संगठनों और हेल्थ प्रोफेशनल्स ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन एब्डोमिनल कैंसर ट्रस्ट ने IIEMR के सहयोग और फोर्टिस हॉस्पिटल के समर्थन से किया। विशेषज्ञों ने बताया कि युवाओं में कोलोरेक्टल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और समय पर पहचान व इलाज ही इसका सबसे प्रभावी उपाय है। इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर की सामाजिक पहल का रूप दिया गया है, जिसे झारखंड, मिजोरम और केरल जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों का समर्थन प्राप्त है।
युवाओं में बढ़ रहा है कोलोरेक्टल कैंसर
डॉ. अजय बापना और डॉ. रूपेश पोखरना ने बताया कि 25-50 साल की उम्र के बीच कोलोरेक्टल कैंसर के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इस आयु वर्ग के लोग लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉ. राम डागा ने बताया कि रोबोट-असिस्टेड लैप्रोस्कोपिक सर्जरी जैसी तकनीकों से अब प्रभावी और कम जटिल इलाज संभव है। समय पर जांच और इलाज से जान बचाई जा सकती है।
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एब्डोमिनल कैंसर डे बना राष्ट्रीय मुहिम
कार्यक्रम के संस्थापक डॉ. संदीप जैन ने इसे स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी से जोड़ने वाली स्थायी पहल बताया। 25 शहरों में मल्टी-सिटी वॉक और 10 शहरों में सिटी एम्बैसडर की नियुक्ति के ज़रिए इस अभियान को राष्ट्रीय आंदोलन का स्वरूप दिया जा रहा है। कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने पोस्टर लॉन्च किया। पं. सुरेश मिश्रा, महेश गर्ग, नीरज बत्रा, डॉ. प्रमिला संजय समेत कई वरिष्ठ अतिथियों की उपस्थिति ने इस अभियान को और मजबूती दी।