World Brain Tumor Day 2024: हर साल भारत में ब्रेन ट्यूमर के 28,000 से ज्यादा मामले दर्ज, सही समय पर इलाज जरुरी World Brain Tumor Day 2024: More Than 28,000 Cases Of Brain Tumor Are Registered In India Every Year, Timely Treatment Is Necessary
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World Brain Tumor Day 2024: हर साल भारत में ब्रेन ट्यूमर के 28,000 से ज्यादा मामले दर्ज, सही समय पर इलाज जरुरी

World Brain Tumor Day 2024: विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर शनिवार को विशेषज्ञों ने कहा कि दुनिया भर में ब्रेन ट्यूमर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए बेहतर इलाज के लिए बीमारी का शुरूआत में ही पता चलना जरूरी है। इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने को लेकर हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। इस बीमारी को मस्तिष्क में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि के रूप में जाना जाता है। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कैंसर रजिस्ट्री (IARC) ने हर साल भारत में ब्रेन ट्यूमर के 28,000 से ज्यादा मामलों की रिपोर्ट की है। हर साल 24,000 से ज्यादा लोग ब्रेन ट्यूमर के कारण मरते हैं।

  • दुनिया भर में ब्रेन ट्यूमर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं
  • बेहतर इलाज के लिए बीमारी का शुरूआत में ही पता चलना जरूरी है
  • जागरूकता बढ़ाने को लेकर हर साल 8 जून को ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है

बच्चों में भी ब्रेन ट्यूमर का बढ़ा खतरा

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स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि यदि मस्तिष्क ट्यूमर का समय पर इलाज नहीं किया गया, साथ ही इसको लेकर अगर कोई सावधानी नहीं बरती गई तो स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इस कारण लोगों को निर्णय लेने, ध्यान केंद्रित करने जैसी चीजों में कठिनाई हो सकती है, साथ ही यह जानलेवा भी हो सकता है। बच्चों में भी ब्रेन ट्यूमर देखा जाता है। इसका कोई सटीक कारण नहीं है, लेकिन पारिवारिक इतिहास में ब्लड कैंसर और आयोनाइजिंग रेडिएशन जैसे उपचार इसका कारण बन सकते हैं। दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के न्यूरोसर्जरी के निदेशक डॉ. प्रशांत कुमार चौधरी ने कहा, ”कैंसर के इलाज में आयोनाइजिंग रेडिएशन का इस्तेमाल आम बात है और जब कोई मरीज इस रेडिएशन के संपर्क में आता है तो उसे ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है। अगर परिवार में ब्रेन ट्यूमर की बीमारी पहले से है तो इस बात की संभावना है कि उसे भी ब्रेन ट्यूमर हो सकता है।”

तनाव से हो सकता हैं ब्रेन ट्यूमर

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इसके अलावा यह भी पाया गया है कि ल्यूकेमिया के मरीजों में भी सामान्य लोगों की तुलना में इसका जोखिम अधिक होता है। इसी तरह बचपन में कैंसर से पीड़ित बच्चे भी बाद में ब्रेन ट्यूमर से प्रभावित हो सकते हैं। फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रधान निदेशक एवं प्रमुख डॉ. प्रवीण गुप्ता ने IANS को बताया कि तनाव भी इसका एक बड़ा कारण है। उन्होंने कहा, ”हमारी रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच हम आसानी से इस बात को नजरअंदाज कर सकते हैं कि तनाव हमारे तंत्रिका तंत्र को कितना प्रभावित करता है। तनाव चुपके से चोर की तरह घर में घुस सकता है और ऐसा माहौल बना सकता है जिससे ब्रेन ट्यूमर पनप सकता है।”

अनुभवी डॉक्टरों से समय पर उचित उपचार महत्वपूर्ण

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डॉक्टर ने कहा कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन का अभ्यास करना या बिना किसी डिस्ट्रक्शन के सोचने के लिए समय निकालना मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि ब्रेन ट्यूमर में अच्छे परिणाम के लिए कुशल और अनुभवी डॉक्टरों से समय पर उचित उपचार महत्वपूर्ण है। हालांकि उपचार का मुख्य आधार सर्जरी है, लेकिन सर्जरी की प्रकृति ट्यूमर, के स्थान और आकार पर निर्भर करती है। ”रोगी को इसके लिए कई इमेजिंग की आवश्यकता होगी जिसमें MRI, CT स्कैन, एंजियोग्राम और कुछ उन्नत प्रकार के एमआरआई शामिल हैं।” ”परिणाम को बेहतर बनाने के लिए अवेक क्रेनियोटॉमी न्यूरो नेविगेशन और इंट्राऑपरेटिव न्यूरो मॉनिटरिंग सहित कई उन्नत तरीकों का उपयोग किया जाता है।” टैगोर अस्पताल में वरिष्ठ कंसल्टेंट – न्यूरोसर्जरी डॉ. अमिताभ चंदा ने कहा, ”कुछ रोगियों में रेडिएशन उपचार या कीमोथेरेपी की आवश्यकता हो सकती है। अधिकांश मस्तिष्क ट्यूमर जेनेटिक नहीं होते हैं।”

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